उत्तर प्रदेश केआजमगढ़ में मेंहनगर के खुंदनपुर गांव के पास सोमवार की शाम बसपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक सवार दो बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। घटना के समय वह स्कार्पियों से घर लौट रहे थे। घटना की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। पुलिस घटना का कारण पुरानी रंजिश बता रही है। स्थानीय लोग इसे पंचायत चुनाव से भी जोड़ रहे हैं। तीन साल पहले गांव के प्रधान बबलू को दौड़ाकर गोली मारी गई थी। इस मामले में भी कलामुद्दीन नामजद थे।
बसपा नेता 55 वर्षीय कलामुद्दीन पुत्र जलालुद्दीन निवासी खुंदनपुर थाना मेंहनगर पार्टी के काफी पुराने कार्यकर्ता हैं। शहर के रोडवेज क्षेत्र में उनकी ट्रैक्टर एजेंसी भी है। रोज की भांति सोमवार की शाम भी वह अपने चार पहिया से घर जा रहे थे। अभी वे गांव के पास ही नहर पटरी पर पहुंचे थे कि पहले से घात लगा कर बैठे बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
मेंहनगर थाना क्षेत्र के खुंदनपुर गांव निवासी 55 वर्षीय कलामुद्दीन पुत्र जमालुद्दीन निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। कलामुद्दीन को सोमवार की शाम एक बाइक सवार दो लोगों ने गाड़ी को रोककर बात करने लगे। इसी दौरान उनमें से एक बदमाश ने बसपा नेता पर ताबड़तोड़ फायर कर दिया। कलामुद्दीन को कुल चार गोली लगी। इससे पहले की गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुटते, दोनों बदमाश भाग निकले। लोगों ने बसपा नेता को मेहनगर सीएचसी पहुंचाया, जहां से वाराणसी रेफर कर दिया। वाराणसी ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
कमालुद्दीन बसपा के काफी पुराने नेता है और दो बार निजामाबाद विधान सभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके है। वहीं घटना से गांव में हड़कंप मच गया है। मौके पर पहुंच कर पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है।
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कलामुद्दीन की अदावत काफी दिनों से गांव में चल रही है। पांच साल पूर्व भी इन पर हमला हुआ था। उस समय यह नमाज पढ़ने मस्जिद जा रहे थे। हमले में कलामुद्दीन तो बाल-बाल बच गए थे, लेकिन इनका पुत्र घायल हो गया था।
बसपा नेता कलामुद्दीन का लंबा चौड़ा कारोबार है। शहर में रोडवेज क्षेत्र में ट्रैक्टर व आटो एजेंसी है। इसके साथ ही ये प्रापर्टी का भी काम करते है। आजमगढ़, लखनऊ से लेकर दुबई तक में इनका कारोबार फैला है। घटना के पीछे कारण क्या है यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। वहीं पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
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कलामुद्दीन का गांव में भी विवाद चल रहा था। लगभग तीन साल पूर्व गांव के प्रधान बबलू को दौड़ा कर गोली मारी गई थी। इस मामले में भी कलामुद्दीन नामजद थे। राजनैतिक पैठ के चलते इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। शुरू से ही ये बसपा से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में भी पार्टी के सदस्य हैं। वाहन पर बसपा का झंडा लगा कर चलते हैं।