लखनऊ। उत्तर प्रदेश की चार लोकसभा (Lok Sabha Election) सीटों पर बसपा (BSP) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें पीलीभीत से अनीश अहमद खान, मुरादाबाद से इरफान सैफी, कन्नौज से अकील अहमद पट्टा और अमरोहा से डॉ। मुजाहिद हुसैन शामिल हैं। बसपा (BSP) ने अपनी इस चारों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
इन चारों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने के पीछे बसपा चीफ मायावती की खास रणनीति मानी जा रही है। बसपा की नजरें मुस्लिम वोटरों पर हैं। बसपा की कोशिश मुस्लिम वोटरों को एकजुट कर अपने पाले में लाने की हैं।
बता दें कि अगले दो से तीन दिनों में लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो जाएगा। बीजेपी 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर चुकी है। वहीं कांग्रेस भी 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। दोनों पार्टियां जल्द ही अपनी अपनी दूसरी लिस्ट भी जारी कर सकती है।
सपा को हो सकता है नुकसान
मायावती के मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने से बसपा (BSP) को भले ही कोई फायदा न हो लेकिन इससे सपा को जरूर नुकसान हो सकता है। आजमगढ़ लोकसभा सीट के बीते उपचुनाव को देखें तो सपा के प्रत्याशी रहे धर्मेन्द्र यादव को केवल इसीलिए हार का सामना करना पड़ा था क्यूँ कि उनके सामने बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी गुड्डू जमाली को टिकट मिल गया था।
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इस उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी की जीत हुई थी। बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से सपा का MY फार्मूला कहीं हद तक असफल हो जाता है। बसपा (BSP) के मुस्लिम प्रत्याशी सपा की जीत के लिए एक बड़ा रोड़ा बन जाते है।