भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 66 वें परिनिर्वाण दिवस पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी कार्यालय पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
बाद में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि बसपा का मुख्य लक्ष्य बाबा साहेब के स्वाभिमानी मूवमेंट को आगे बढ़ाना है। बाबा साहेब का कारवां न रुकने वाला है, न झुकने वाला है। दुख इस बात का है कि कुछ संगठन अपने स्वार्थ के लिए दलित, आदिवासी, पिछड़ों को लेकर चलते हैं। बसपा ही उनके लिए असली लड़ाई लड़ती है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि वर्ष 2022 में बसपा की उत्तर प्रदेश में 2007 से ज्यादा मजबूत सरकार बनेगी। उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड और पंजाब में गठबंधन की सरकार भी हम बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि सड़क पर उतरने से काम नहीं चलेगा, सत्ता परिवर्तन करना होगा। इस प्रकार की सरकारें जो संविधान के अनुसार नहीं चल रही हैं, उन्हें सत्ता से हटाना होगा।
उन्होंने समाजवादी विजय यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन करने वाले लोग जो विजय यात्रा निकाल रहे हैं, उनको अभी विजय नहीं मिली है तो चंदौली में उनके विधायक क्या कर रहे हैं। चंदौली में जो हुआ जनता देख रही है। सपा राज में गुंडागर्दी चरम पर थी। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि सपा और वर्तमान सत्ता दल दोनों दलों में जुर्म होता रहा है।
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उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त को देखना है कि वह चुनाव को लेकर क्या गाइडलाइन तैयार करते हैं, जबकि अभी कोरोना का नया रूप सामने खड़ा है।