प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (Nikay Chunav) का ऐलान हो चुका है और सबको इंतजार प्रत्याशियों के ऐलान का है। प्रयागराज नगर निगम चुनाव पर पूरे प्रदेश की निगाह है, क्योंकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने यहां से माफिया अतीक अहमद की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन को टिकट दिया था, जिसे बसपा चीफ मायावती (Mayawati) ने आज काट दिया। शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल होने का इल्जाम है।
50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन को यूपी पुलिस खोज रही है। ऐसे में बसपा अब अपना प्रत्याशी बदल सकती है, लेकिन सवाल उठता है कि बसपा अब किसको टिकट देगी। बीते दिनों ही बसपा के जोनल को-ऑर्डिनेटर अशोक गौतम ने कहा था कि प्रयागराज मेयर पद के लिए दावेदारों से आवेदन मांगे गए हैं।
इस बीच बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने आज ऐलान किया, ‘उमेश पाल की हत्या को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं और इस घटना में अतीक की पत्नी का नाम आते ही व उसके फरार होने पर स्थिति बदल गई है, ऐसी स्थिति में हमारी पार्टी न अतीक की पत्नी और न ही उनके परिवार के अन्य सदस्य को वहां मेयर का टिकट नहीं देगी।’ शाइस्ता के बसपा में रहने के सवाल पर मायावती ने कहा कि शाइस्ता के पुलिस गिरफ्त में आने पर फैसला होगा, हमारी पार्टी कानून से ऊपर नहीं है।
हत्याकांड से दो महीने पहले ही बसपा में शामिल हुई थीं शाइस्ता
उमेश पाल हत्याकांड से करीब दो महीने पहले अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन बसपा में शामिल हुई थीं। इसके बाद बसपा ने शाइस्ता को प्रयागराज मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था। माफिया अतीक की पत्नी के सहारे बसपा प्रयागराज इलाके में अपनी खोई साख को पाने के साथ-साथ दलित-मुस्लिम फॉर्मूले को अमलीजामा पहनाने की कोशिश में जुटी थी।
45 दिन पहले हुई थी उमेश पाल की हत्या
24 फरवरी को उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर केस दर्ज कराया था। मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है।