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Budget 2022: जानिए किसने पेश किया था भारत का पहला बजट

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का केंद्रीय बजट (Union Budget 2022-23) पेश करेंगी। इस तरह वह अपना चौथा बजट पेश करेंगी। इस बार का बजट पूरी तरह से पेपरलेस होगा। बजट को हर साल एक बड़ा इवेंट माना जाता है।

आइए जानते हैं बजट से जुड़ी 10 बड़ी और ऐतिहासिक बातेंः

1) स्कॉटलैंड के इकोनॉमिस्ट जेम्स विलसन (James Wilson) ने 1860 में भारत का पहला बजट पेश किया था। विलसन ने 1853 में Chartered Bank of India, Australia and China की स्थापना की थो जो 1969 में Standard Chartered Bank बना। उन्होंने ही ‘The Economist’ नामक प्रतिष्ठित पब्लिकेशन की शुरुआत की थी।

2) स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया था। तत्कालीन वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था।

3) 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में पेश किया जाता था लेकिन 1955-56 से बजट डॉक्युमेंट का प्रकाशन अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में किया जाने लगा।

4) पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार केंद्रीय बजट पेश किया था। पी चिंदबरम ने आठ बार केंद्रीय बजट पेश किया था। पूर्व वित्त मंत्रियों यशवंतराव चव्हाण, सीडी देशमुख और प्रणब मुखर्जी ने सात-सात बार बजट पेश किया था।

5) 1998 से पहले बजट शाम को पेश किए जाते थे। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अंग्रेजों के समय की इस प्रथा को खत्म करते हुए सुबह के समय बजट पेश किया था। उन्होंने 1998-1999 का बजट सुबह में पेश किया था।

6) पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास 1970-71 में कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का भी चार्ज था और वह बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं।

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7) 2016 तक फरवरी के आखिरी दिन को बजट पेश किया जाता था। हालांकि, 2017 से यह परंपरा बदल गई जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया था।

8) पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था। 2017 में इसे केंद्रीय बजट में शामिल कर दिया गया। इससे 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई।

9) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल ओमीक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए हलवा सेरेमनी की 70 साल पुरानी परंपरा की जगह मिठाइयों का वितरण करवाया। पहले हलवा सेरेमनी के साथ बजट की प्रिटिंग की शुरुआत होती थी।

10) सीतारमण 2019 में परंपरागत ब्रीफकेस की जगह बही-खाता (लाल रंग का एक पैकेट जिस पर राष्ट्रीय चिह्न होता है) में बजट डॉक्युमेंट लेकर आई थीं।

11) सीतारमण के नाम देश का सबसे लंबा बजट भाषण पढ़ने का रिकॉर्ड है। उन्होंने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 41 मिनट का बजट भाषण दिया था।

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