नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में एक बड़ा कदम करार दिया है। शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के केंद्र में गरीब, किसान, आदिवासी, महिला तथा वंचित समाज के लोग हैं।
श्रीमती सीतारमण ने केंद्रीय बजट पर सदन में तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बजट पूरी तरह से अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने को समर्पित हैं। इसमें आर्थिक सुधारों पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार एक सतत प्रक्रिया है। इस बजट में इनको आगे बढ़ाया गया है। इन सुधारों के केंद्र में आम जनता है। ईमानदार करदाताओं के पैसे का पूरा इस्तेमाल करना है।
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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद के काल में अर्थव्यवस्था को गति देेने के लिए सरकार ने लघु, मध्यम व दीर्घकाल के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई पैकेज घोषित किये जिनका मूल्य भारतीय अर्थव्यवस्था के कुल आकार का 13 प्रतिशत है। इससे अर्थव्यवस्था को गति मिली है और यह दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उन्हाेंने विपक्ष के ‘अमीरों का बजट’ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षा का बजट है। काेरोना महामारी के दौरान भी आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया जारी रही जिससे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में इजाफा हुआ। सरकार ने छोटे उद्योगों को मदद दी जिससे रोजगार में वृद्धि हुई है। इससे लोगों को आजीविका अर्जित करने में मदद मिली।