गैरसैंण में एक मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बजट समावेशी होगा और जन आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा। श्री रावत ने शुक्रवार को नैनीताल में ‘घरैकि पहचान, चेलिकि नाम’ योजना का शुभारंभ भी किया।
नैनीताल दौरे पर आये श्री रावत यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रदेश का संतुलित व सर्वांगीण विकास है। प्रदेश की जनता आर्थिक रूप से स्वालंबी हो और विकास में सभी की सहभागिता हो, ऐसा उनकी सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनावों के बजाय प्रदेश के विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। सरकार के पास अभी एक साल का और समय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैण में बजट सत्र आयोजित किया जा रहा है। इस बार का बजट समावेशी होगा। सरकार ने जनता व विशेषज्ञों से संवाद करके बजट तैयार किया है। बजट जनपेक्षाओं के अनुकूल होगा। उनकी सरकार ने पहला बजट को छोड़कर सभी बजट जनता के सुझावों पर तैयार किये हैं और इस बार का बजट भी जनसंवाद और सुझावों पर केन्द्रित है।
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उन्होंने नैनीताल से उच्च न्यायालय के स्थानांतरण को लेकर चल रही अटकलों को लेकर कहा कि उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करना आसान नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के स्थानांतरण को लेकर कई जगह जमीनों के प्रस्ताव सरकार के पास आये हैं। सभी के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा।
श्री रावत ने स्वीकार किया कि प्रदेश में जाड़ों में बारिश व बर्फवारी कम होने से पेयजल संकट उत्पन्न हो सकता है। सरकार इसके लिये तैयार है। सरकार ने सभी जल प्रदाय निकायों से बैठकर कर रेड जोन वाले क्षेत्रों को चिन्हित करने व वहां वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दे दिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने नैनीताल में पानी के बिलों में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी को लेकर कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला लाया गया है। इसका परीक्षण कराया जायेगा।
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इससे पहले श्री रावत ने मल्लीताल स्थित पर्यटक आवास गृह में आयोजित कार्यक्रम में 42 करोड़ों रूपये की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इनमें प्रमुख रूप से नैनीताल के सूखाताल और सातताल पर्यटक स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने और उसके सौन्दर्यीकरण की योजना शामिल है। श्री रावत ने आज यहां ‘घरैकि पहचान, चेलिकि नाम’ योजना का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह महिला शक्तिकरण की दिशा में एक अंश मात्र है और लोगों को अपने घरों के नाम अपनी बेटियों के नाम पर रखने के लिये भी प्रोत्साहित किया।