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आज रखा जाएगा बुध प्रदोष व्रत, कष्टों से मुक्ति के लिए करें इन मंत्रो का जाप

Pradosh Vrat

Pradosh Vrat

27 सितंबर को बुध प्रदोष (Budh Pradosh ) व्रत रखा जाएगा। बुध प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बुध प्रदोष व्रत करने से जातक के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। कष्टों से मुक्ति पाने के लिए यह व्रत रखा जाता है।

बुध प्रदोष (Budh Pradosh ) व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाए, तो वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh ) के दिन पूजा करने के साथ ही यदि कुछ खास मंत्रों का जाप कर लिया जाए, तो दोगुना फल प्राप्त होता है।

शिव आवाहन मंत्र

ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।

तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।

वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।

नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।

आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।

त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।

नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।

नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।

देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।

नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।

नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।

अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।

नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।

सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

शिव नमस्काराथा मंत्र

ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय

हिरण्यपतए अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः

ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम्

ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम

तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्

महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्

नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय

त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय

सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः

शिव मंत्र

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।

अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥

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