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रेलवे से बुंदेलखंड की पहचान है, निजी हाथों में सौंपना, जनता की भावनाएं को आहात करना है

कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य

रेलवे का निजीकरण

झांसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने केंद्र सरकार के रेलवे को निजी -सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर निजी हाथों में साैंपे जाने का गुरूवार को कड़े शब्दों में विरोध किया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने झांसी मंडल रेल प्रबंधक को केंद्र सरकार के रेल मंत्री को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन सौंपा । उन्होंने कहा कि रेलवे से बुंदेलखंड की पहचान है। केंद्र सरकार द्वारा जिस तरीके से देश के बड़े-बड़े स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है, उससे जनता की भावनाएं आहत हो रही हैं।

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हम जनता की भावनाओं को व्यक्त करते हुए मांग करते हैं कि बुंदेलखंड के झांसी एवं ललितपुर स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर निजी हाथों में न सौंपा जाए। निजी हाथों में जाने से यात्रा एवं माल भाड़े में महंगाई चरम पर होगी, जो गरीब की जेब पर भारी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि पूर्व की यूपीए सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का ऊंचीकरण, रेल कोच फैक्ट्री, कानपुर एवं इलाहाबाद की रेल लाइनों का दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण कार्य कराया था, जिसका फायदा सीधा देश एवं क्षेत्र की जनता को हो, न कि चंद पूंजीपतियों को।

इस निजीकरण का विरोध करते हुए सरकार को आगाह करते हैं, यदि बुंदेलखंड के झांसी-ललितपुर स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपा गया, तो कांग्रेस विशाल जन आंदोलन करेगी। प्रतिनिधिमंडल में शहर अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ, उपाध्यक्ष राजेंद्र रेजा, कांग्रेस कमेटी के सदस्य मनीराम कुशवाहा शामिल रहे।

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