घरों तक शुद्ध पानी पहुंचने की खुशी में बुंदेलखंड झूम रहा है। खासकर महिलाओं में इसकी खुशी देखते ही बन रही है। आलम यह है कि घरों में होने वाले गीतों, लोकगीतों में भी सरकार की हर घर नल योजना गूंज रही है। पानी बचाने के लिये गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत सचिवालयों में आल्हा और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जा रहा है। गांव में बनाए गई जल जीवन मिशन की महिला प्रतिनिधि लोगों को जल की कीमत बता रहीं हैं।
घरों तक पानी पहुंचने की खुशी इस हद तक है कि झांसी के लोकगीतों में ही नहीं बल्कि आल्हा-ऊदल की धरती महोबा में भी वीर रस की जगह हर घर नल योजना का गुणगान हो रहा है।
‘पानी की सुविधा देकर सरकार ने मुश्किल में दिया सहारा है’ और ‘बिन पानी हम जीवन में रह नहीं सकते’ जैसे लोकगीत बुंदेलखंड के सातों जिलों में गूंज रहे हैं। ‘जल पृथ्वी पर है सबसे अनमोल’ गीत गाये जा रहे हैं। झांसी का बुढ़पूरा गांव हो या फिर महोबा का लहचूरा काशीपुर गांव, सलईया नाथूपुरा गांव, चरखारी तहसील के गोरखा गांव में हर घर नल योजना के लोकगीत जन-जन की जुबान पर हैं। इतना ही नहीं पानी की बचत के लिऐ ‘पानी की कीमत पहचान’ और ‘जल है तो कल है’ नुक्कड़ नाटक आयोजित किये जा रहे हैं। इनको देखने के लिए गांव के लोग उमड़ रहे हैं।
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बुन्देलखंड क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 32 परियोजनाओं में कुल 467 पाइप पेयजल योजनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इनमें से 43 सतही जल आधारित योजनाएं और 424 भूजल पर आधारित हैं। इन योजनाओं से 3823 राजस्व ग्रामों के कुल 7268705 आबादी के लिये 1195265 क्रियाशील गृहजल संयोजन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 1195265 घरों में शुद्ध पानी की आपूर्ति होगी। इन परियोजनाओं से बुंदेलखंड क्षेत्र के 07 जनपदों के 40 तहसील, 68 विकास खंड और 2608 ग्राम पंचायतों को लाभ मिलेगा।
इनमें से कुछ जल परियोजनाओं पर दिन रात काम कर रहे जल जीवन मिशन के अधिकारी दो महीने बाद पानी सप्लाई का ट्रायल रन करने की तैयारी में हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो दिसम्बर माह से पहले हर घर नल योजना के तहत बुंदेलखंड के लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिलने लगेगा।









