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कभी उपेक्षित रहा बुंदेलखंड अब बनेगा यूपी के विकास का आधार

Bundelkhand

लखनऊ।  दशकों तक विकास की मुख्यधारा से कटा रहा बुंदेलखंड (Bundelkhand ) अब प्रदेश की तरक्की का बड़ा आधार बनने जा रहा है। 76वें स्वाधीनता दिवस समारोह के मौके मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ‘नई हरित क्रांति’ की तैयारियों का जिक्र करते हुए प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन की कार्ययोजना भी साझा की।

उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश के 27 जिलों के अलावा बुंदेलखंड के 07 जिलों में प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन की कार्ययोजना पर कार्य कर रही है। इसमें देसी नस्ल के गोवंश की भूमिका भी अहम होगी। विशेष मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने बुंदेलखंड में ऊर्जावान प्रतिभाएं और पर्यटन की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए वहां के विकास के लिए की जा रही कोशिशों की भी चर्चा की।

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उन्होंने कहा कि कभी सूखे की मार और पेयजल के लिए तरसने वाले बुंदेलखंड (Bundelkhand ) में दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुई हैं, तो आजादी के अमृत वर्ष में जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर नल का सपना भी पूरा होने जा रहा है। बुंदेलखंड में डिफेंस कारिडोर के माध्यम से औद्योगिक विकास की नई राह बनी है।

यही नहीं, बुंदेलखंड (Bundelkhand ) के प्राचीन दुर्गों/किलों का जीर्णोद्धार कराते हुए उन्हें पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की मंशा भी जाहिर की।

बता दें कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले झांसी के 08, बांदा के 04, जालौन के 02, ललितपुर के 07, हमीरपुर के 03, महोबा के 05 और चित्रकूट के 02 किलों को पर्यटन के दृष्टि से विकसित करने के लिए खास कार्ययोजना तैयार की है। ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक की मदद और प्रकृति व प्रगति के समन्वय के साथ उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त करेगा।

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