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नवरात्रि की अष्टमी-नवमी पर घर ले आएं ये चीजें, धन-धान्य से भर जाएंगे भंडार

Sharadiya Navratri

Sharadiya Navratri

धूमधाम के साथ शुरू हुआ शारदीय नवरात्रि (Navratri) का पावन त्यौहार अब अपने समापन की और बढ़ रहा है। नवरात्रि (Navratri) के आठवें और नौवें दिन यानी अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या भोज के साथ इस पर्व का समापन हो जाता है। धार्मिक रूप से अष्टमी तिथि का बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन मां दुर्गा के स्वरूप महागौरी की उपासना की जाती है। देवी का यह स्वरूप सबसे शांतिप्रिय और दयालु माना जाता है। ये धन-धान्य और सुख समृद्धि की देवी भी हैं। ऐसे में कहा जाता है कि अगर अष्टमी तिथि पर कुछ विशेष कार्य किए जाएं तो माता रानी की कृपा भक्तों पर बरसती है और जीवन में उन्हें किसी भी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। तो चलिए जानते हैं वो कौन से कार्य हैं जो अष्टमी तिथि पर करने शुभ माने गए हैं।

गंगाजल से कराएं मां को स्नान और करें विशेष श्रंगार

यूं तो नवरात्रि (Navratri) में हर दिन ही माता रानी को गंगाजल से स्नान करा उनका श्रंगार करने का विधान है लेकिन अष्टमी तिथि पर इसका विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक कथाओं की मानें तो जब भगवान शंकर को पति स्वरूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप किया, तब भगवान शिव ने प्रसन्न हो माता पार्वती को गंगा में स्नान करने के लिए कहा था। जब देवी ने गंगा में स्नान किया तब उनका एक श्याम रूप प्रकट हुआ जिसका नाम कौशिकी पड़ा तो वहीं दूसरा गौर वर्ण स्वरूप महागौरी कहलाया। इसलिए अष्टमी के दिन माता रानी को गंगजाल में अवश्य स्नान कराएं। इसके साथ ही माता का विशेष श्रंगार करना ना भूलें।

माता रानी को लगाएं ये विशेष भोग

अष्टमी तिथि पर माता रानी के लिए विशेष भोग तैयार करना शुभ माना गया है। कई लोग इसी दिन अपना व्रत खोलते हैं इसलिए पूड़ी , हलवा, सब्जी, काले चने और खीर का प्रसाद तैयार करते हैं। हालांकि अगर आप नवमी तिथि पर अपना व्रत खोलते हैं तो अष्टमी पर माता के लिए कोई विशेष मिठाई जरूर तैयार करें। इस दिन किसी गरीब जरूरतमंद को माता का भोग लगा भोजन और मिठाई देने से मां की विशेष कृपा भक्तों पर होती है। इसलिए कई भक्त इस दिन जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन करते हैं।

मां को अर्पित करें ये सामान

अष्टमी की पावन तिथि पर माता रानी को सुहाग का सामान अर्पित करना बहुत ही शुभ माना गया है। कहते हैं जो सुहागिन स्त्री इस दिन मां के चरणों में सुहाग का सामान अर्पित करती है उसे घर में सुख-शांति के साथ अखंड सौभाग्यवती होने का भी आशीर्वाद मिलता है। आप मां दुर्गा के मंदिर में जा कर ये सामान भेंट कर सकती हैं। इस सामान में लाल बिंदी, काजल, सिंदूर, चूड़ियां, मेंहदी, लिपस्टिक, बिछिया, पायल, कंघा, बालों की रबड़ और लाल चुनरी जैसा सामान शामिल कर सकती हैं। याद रहे जब माता रानी को ये सामान भेंट करने जाएं तो खुद भी सोलह श्रंगार कर के ही जाएं।

अष्टमी (Ashtami) पर करें कन्या पूजन

कई लोग अष्टमी तिथि पर अपना व्रत खोलते हैं। माना जाता है कि इस दिन स्वयं देवी मां ही छोटी कन्या के रूप में अपने भक्तों के घर प्रसाद ग्रहण करने आती हैं। ऐसे में अष्टमी पर कन्या पूजन का महत्व बहुत बढ़ जाता है। छोटी-छोटी कन्याओं को पूड़ी, हलवा और काले चने का भोग लगाएं और उसके बाद उन्हें खुश करने के लिए अपनी सामर्थ्य अनुसार गिफ्ट्स दें। कहते हैं जब कन्या खुश हो कर आपके घर से विदा लेती हैं तब मां लक्ष्मी का आगमन आपके घर होता है।

अष्टमी पर जरूर करें ये खास चीजें

महाष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही फलदायी माना गया है। खासतौर से इस दिन दुर्गा सप्तशती के उत्तम चरित्र जो मां सरस्वती की समर्पित है, उसका पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही आप अष्टमी के दिन उपवास भी कर सकते हैं।

अगर आपने नौ दिन उपवास नहीं भी किया है तो नवरात्रि (Navratri)  के पहले दिन और अष्टमी के दिन उपवास रखने से नौ दिन का ही फल प्राप्त होता है। इस दिन माता रानी का कीर्तन और जागरण करने से भी घर में धन, ऐश्वर्या और वैभव की कमी नहीं होती।

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