• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

योगी सरकार की पहल पर अब गोण्डा में शुरू हुई मनोरमा नदी के पुनर्जीवन की मुहिम

Writer D by Writer D
04/07/2025
in उत्तर प्रदेश, गोंडा, राजनीति
0
Manorama River

Manorama River

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ/गोण्डा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) न केवल अधुनातन विकास की राह पर अग्रसर है, बल्कि प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान और प्राकृतिक धरोहरों को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी संकल्प का जीवंत उदाहरण बना है प्रदेश का गोण्डा जनपद, जहां मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के तहत जिला प्रशासन द्वारा मनोरमा नदी (Manorama River) के पुनर्जीवन की एक ऐतिहासिक और जनभागीदारी आधारित पहल शुरू की गई है। यह महज एक नदी की सफाई नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक चेतना और पर्यावरणीय संतुलन की पुनर्स्थापना का संदेश है, जिसे सरकार ‘जन आंदोलन’ के रूप में आकार दे रही है।

गौरतलब है कि मनोरमा नदी (Manorama River) का अस्तित्व बीते वर्षों में लगभग समाप्तप्राय हो गया था। गाद, अतिक्रमण और जलस्रोतों के सूख जाने से इसका जल बहाव बाधित हो गया था। मनोरमा नदी का पुनर्जीवन न केवल जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर होगा, बल्कि यह जनपद की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक पहचान को फिर से स्थापित करने का माध्यम भी बनेगा।

समग्र पर्यावरणीय और सामाजिक पुनर्जागरण की शुरुआत

जनपद गोण्डा की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान रही मनोरमा नदी (Manorama River) अब एक बार फिर जीवनदायिनी बनने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने नदी के पुनर्जीवन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत, नदी की सफाई, गाद हटाने, वृक्षारोपण और जनसहभागिता के माध्यम से नदी को फिर से बहाल करने की दिशा में ठोस कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारी ने मनोरमा सरोवर से निकलने वाली मनोरमा नदी के पूरे प्रवाह पथ का स्थल निरीक्षण करते हुए संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। मनोरमा नदी के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा, “मनोरमा नदी केवल जलस्रोत नहीं, हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसका पुनर्जीवन जनपदवासियों के लिए एक गौरव का विषय होगा।” यह पहल जनपद में एक समग्र पर्यावरणीय और सामाजिक पुनर्जागरण की शुरुआत है।

वृक्षारोपण और जैव विविधता का संरक्षण

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मनोरमा नदी (Manorama River) की दोनों तरफ वृक्षारोपण की योजना बनाई जाए, जिससे नदी तट पर हरियाली बढ़े और जैव विविधता को संरक्षण मिले। इसके अंतर्गत पीपल, नीम, पाकड़ जैसे देशी प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। वन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी ने पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से नदी की गाद और कचरे की सफाई का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गोण्डा-बलरामपुर रोड से लेकर ताड़ी लाल गांव तक नदी के प्रवाह को पूर्ण रूप से साफ किया जाए और जलधारा को पुनः प्रवाहित किया जाए।

विभागीय समन्वय की मिसाल

इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्य किया जा रहा है। डीसी मनरेगा को श्रमिकों की व्यवस्था और योजनाबद्ध कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि वन विभाग को वृक्षारोपण की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। सिंचाई विभाग को नदी की दिशा और संरचना का तकनीकी आंकलन करने का कार्य सौंपा गया है। जिलाधिकारी ने इस पहल को केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि जन आंदोलन के रूप में विकसित करने की बात कही। ग्राम पंचायतों और स्थानीय समाजसेवियों को जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोग इस पुनर्जीवन कार्य को अपने स्वाभिमान और सांस्कृतिक गौरव से जोड़ें।

मनोरमा नदी: सांस्कृतिक धरोहर की प्रतीक

मनोरमा नदी उत्तर प्रदेश की एक 115 किलोमीटर लंबी पौराणिक नदी है, जो गोण्डा और बस्ती जिलों से होकर बहती है। इसका उद्गम गोण्डा जिले के तिर्रे ताल से होता है और यह बस्ती के परशुरामपुर क्षेत्र से गुजरते हुए महुली के पास कुआनो नदी में मिल जाती है।

इस नदी का नाम महर्षि उद्दालक की पुत्री मनोरमा के नाम पर पड़ा और इसका उल्लेख प्राचीन पुराणों में भी मिलता है, जिससे इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व स्थापित होता है। मखौड़ा धाम के निकट बहने वाली इस नदी को पवित्र माना जाता है और इसे अनेक धार्मिक अनुष्ठानों से भी जोड़ा जाता है।

Tags: gonda newsManorama river
Previous Post

बेबी को निमोनिया से इन उपायों से मिलेगी राहत

Next Post

विकासशील देशों को साथ लेकर चले बिना दुनिया में प्रगति नहीं हो सकती : मोदी

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Yogi met 45 trainee officers
Main Slider

संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता से बनेंगे सफल अधिकारी: मुख्यमंत्री योगी

04/07/2025
CM Yogi
Main Slider

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम को दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा आरक्षण

04/07/2025
CM Yogi
Main Slider

वैश्विक बाजार में उत्तर प्रदेश की शान बढ़ा रही हैं विभिन्न प्रकार के आमों की किस्में- सीएम योगी

04/07/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

आउटसोर्सिंग कार्मिकों के लिए ऐतिहासिक कदम, यूपी में बनेगा ‘आउटसोर्स सेवा निगम’

03/07/2025
CM Dhami
Main Slider

क्लीन और ग्रीन कांवड़ यात्रा का संदेश देने का हो प्रयास- मुख्यमंत्री

03/07/2025
Next Post

विकासशील देशों को साथ लेकर चले बिना दुनिया में प्रगति नहीं हो सकती : मोदी

यह भी पढ़ें

उत्तराखंड से राजनाथ ने दुश्मनों को ललकारा, कहा- पड़ोसी देश अपनी सीमा में रहें

15/12/2021
मध्य प्रदेश उपचुनाव

मप्र में 28 सीटों के लिए मतदान शुरू, तीन घंटों में लगभग 15 प्रतिशत मतदान

03/11/2020

संतान प्राप्ति के लिए की गई थी अनामिका की हत्या, हत्यारा गिरफ्तार

26/03/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version