बरेली के त्रिशूल वायु सेना परिसर में विचरण कर रहे तेंदुए और वीरान पड़ी रबड़ फैक्ट्री में कई महीनों से घूम रही बाघिन को पकड़ने के लिए वन्य जंतु विशेषज्ञों ने एक विशेष रणनीति के तहत दोनों स्थानों पर विशेष अभियान शुरू किया है।
बरेली के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा ने रविवार को बताया कि वायुसेना परिसर में घुसे तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने परिसर में पहुंचकर गश्त शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पूर्व में बनाई गई कार्ययोजना में भी कुछ बदलाव किया गया है और इसके परिणाम जल्द सामने आने की संभावना है।
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वर्मा ने बताया कि बाघिन को पकड़ने में मदद के लिए कानपुर चिड़ियाघर के चिकित्सक आरके सिंह और दुधवा नेशनल पार्क के चिकित्सक दयाराम मंगलवार तक पहुंच जाएंगे। उनका सहयोगी स्टॉफ बरेली पहुंच गया है।
बरेली के डीएफओ भरत लाल ने बताया कि वायसेना परिसर में घुसे तेंदुए को पकड़ने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सेंसर कैमरे भी मंगवाए गए हैं लेकिन विशालकाय क्षेत्रफल वाले वायुसेना परिसर में घनी झाड़ियों के कारण तेंदुआ का कोई पता नहीं लग सका है।
मुख्य वन संरक्षक वर्मा ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क से वन्यजीव विशेषज्ञ डा. प्रेमचंद पांडे के नेतृत्व में टीम शनिवार को बरेली पहुंच गई है।