नई दिल्ली। हर निवेशक चाहता है कि उसकी कमाई पर अधिक से अधिक टैक्स छूट मिले। आप यदि अपने निवेश पर आकर्षक ब्याज और रिटर्न के साथ टैक्स छूट लेना चाहते हैं तो डाकघर की छोटी बचत के साथ म्यूचुअल फंड की ईएलएसएस में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए बहुत अधिक आकलन की जरूरत नहीं है। साथ ही इनमें निवेश की सुविधा भी बेहद आसान है।
डाकघर में सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और पांच साल की सावधि जमा (एफडी) पर टैक्स छूट मिलती है। इन सभी निवेश विकल्पों में 1.50 लाख रुपये तक की छूट आयकर की धारा 80 सी के तहत ले सकते हैं।
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यह इकलौती ऐसी स्कीम है, जिसमें निवेश राशि और उसके ब्याज के साथ परिपक्वता पर मिलने वाली रकम तीनों पर टैक्स छूट मिलती है। पीपीएफ खाता बैंक या डाकघर कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी डाकघर में ट्रांसफर भी किया जा सकता है। आप केवल 100 रुपये में पीपीएफ खाता खोल सकते हैं।
पीपीएफ में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही जमा किए जा सकते हैं। पीपीएफ खाता 15 साल के लिए खुलता है, लेकिन इसे 15 साल के बाद पांच-पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन तीन साल बाद से इसमें निवेश के बदले कर्ज लिया जा सकता है। कुछ शर्तों के तहत पीपीएफ खाता से सातवें साल से कुछ पैसा निकाल सकता है।
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) एकमात्र ऐसी निवेश योजना है, जिसमें शेयरों में निवेश के बावजूद टैक्स छूट मिलती है। इसमें एसआईपी यानी सिप के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। इसमें 1.5 लाख रुपये की अधिकतम टैक्स छूट ले सकते हैं, लेकिन अधिकतम निवेश की इसमें कोई सीमा नहीं है।
इसमें तीन साल का लॉकइन पीरियड होता है यानी तीन साल से पहले निवेश नहीं निकाल सकते हैं। इसके बाद निवेशक चाहे तो यह पैसा निकाल सकता है। इसमें अगर निवेशक डिविडेंट भुगतान का विकल्प लेता है तो उन्हें बीच-बीच में पैसा मिलता रहेगा। हालांकि, आयकर छूट वाली स्कीम से बीच में पैसा निकाला नहीं निकाल सकते हैं।