पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को तीसरी बार दिल्ली पहुंच रहे हैं। वो यहां पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। कहा जा रहा है कि इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर बड़ी चर्चा हो सकती है। सिद्धू ने भी हाल ही में राजधानी पहुंचकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी। कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी राज्य में जारी आंतरिक विवाद को खत्म करने के लिए सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया था कि बैठक में पार्टी के अंदर चल रही कलह को खत्म करने के लिए सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी देने के फॉर्मूले पर बात होगी। सिद्धू की गांधी भाई-बहन के साथ मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें राज्य में प्रचार कमेटी का प्रभारी बनाया जा सकता है या चयन समिति में शामिल किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सुनील जाखड़ को बदला जा सकता है।
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साल 2019 में सिद्धू के कैबिनेट छोड़ने के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच तनातनी जारी है। बीती मई में सिद्धू ने सीएम को ‘झूठा’ कहा था। साथ ही उन पर कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया था। इसके बाद यह तनाव तब और बढ़ गया, जब सीएम अमरिंदर सिंह ने दो विधायकों- फतेह जंग सिंह बाजवा और राकेश पांडेय के बेटों को सरकारी नौकरी दे दी थी।
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी इस मुश्किल से उबरने की कोशिश में है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश स्तर पर पार्टी में जारी कलह का असर चुनावों पर हो सकता है। कांग्रेस ने इसे सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी तैयार की थी। इस समिति में हरीश रावत, मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल शामिल थे।