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कैप्टन की बाजवा को नसीहत-आपकी सुरक्षा संबंधी फ़ैसला मैंने लिया, इसलिए डीजीपी पर उंगली न उठाए

चंडीगढ़। कांग्रेसी संसद मैंबर द्वारा पंजाब के डीजीपी की निष्पक्षता पर उंगली उठाए जाने पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को प्रताप सिंह बाजवा को नसीहत दी कि वह उनसे (राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री) संपर्क स्थापित करें या दिल्ली में पार्टी आलाकमान के पास पहुँच करें, अगर उनको राज्य सरकार के खि़लाफ़ कोई शिकायत है।

बाजवा द्वारा डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को लिखे पत्र का हफऱ्-ब-हफऱ् जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य सभा मैंबर की बोखलाहट ज़ाहिर होती है और उनकी तरफ से बोला जाता झूठ सबके सामने आ गया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बाजवा के ख़ुद के कहने के मुताबिक वह तथाकथित राजनैतिक-पुलिस-नशों का गठजोड़, नाजायज़ शराब का उत्पादन एवं बाँट और नाजायज़ माइनिंग जो कि पंजाब में सरकारी सरपरस्ती अधीन हो रही है, के खि़लाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं। परन्तु यदि सरकार ने बाजवा के खि़लाफ़ कोई बदले वाली कार्यवाही करनी होती तो उसकी तरफ से केंद्र द्वारा बाजवा को सुरक्षा मुहैया करवाए जाने का इंतज़ार न किया जाता।

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि,‘‘क्या हमने आपकी तरफ से हमेशा राज्य सरकार की आलोचना किये जाने को बर्दाश्त नहीं किया?’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विरोधी पार्टियाँ भी उनकी सरकार पर बदलाखोरी का इल्ज़ाम नहीं लगा सकतीं।

यह स्पष्ट करते हुए कि कांग्रेसी संसद मैंबर को राज्य सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा वापस लेने का फ़ैसला बतौर गृह मंत्री उनका था, जो कि पंजाब पुलिस से मिली इंटेलिजेंस की जानकारी पर आधारित था, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि डी.जी.पी. पर बाजवा द्वारा निजी हमला करना न सिफऱ् गलत है बल्कि कांग्रेस पार्टी, जिसके बाजवा ख़ुद भी वरिष्ठ सदस्य हैं, की रिवायतों के बिल्कुल खिलाफ हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, यदि बाजवा को मुझ पर और मेरी सरकार पर कोई भरोसा नहीं है तो उसने पार्टी आलाकमान तक पहुँच करके अपने गिले-शिकवे सामने क्यों नहीं रखे? क्या उसे पार्टी आलाकमान पर भी विश्वास नहीं रहा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हालाँकि उन्होंने बीते दिनों ही स्थिति स्पष्ट कर दी थी। इसके बावजूद बाजवा द्वारा डी.जी.पी. पर निशाना साधने पर उनको अपनी वही बात दोहराने के लिए मजबूर कर दिया है, जो कि उन्होंने कांग्रेसी संसद मैंबर की सुरक्षा सम्बन्धी पहले ही स्पष्ट कर दी थी।

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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब में बाजवा अकेले व्यक्ति नहीं हैं जिनकी सुरक्षा कोविड महामारी के सामने आने के बाद वापस ली गई है। इसके पीछे कारण यह था कि कोविड की स्थिति को देखते हुए और राज्य के हितों के मद्देनजऱ 6500 पुलिस कर्मचारी पूरे राज्य में सुरक्षा ड्यूटियों से वापस ले लिए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि जहाँ तक बाजवा की बात है, तो उपरोक्त में उनके सुरक्षा कर्मियों की संख्या सिफऱ् छह थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी बात बाजवा की प्रांतीय पुलिस सुरक्षा वापस लेने का फ़ैसला राज्य सभा मैंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जेड सुरक्षा के अधीन सी.आई.एस.एफ. की तरफ से 25 सुरक्षा कर्मी (समेत दो एस्कॉर्ट ड्राईवर और एक स्कॉरपीयो कार) देने के बाद ही लिया गया।

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कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि तीसरी बात बादलों को खतरे की संभावना जिसकी आड़ में बाजवा राज्य सरकार और पुलिस के खि़लाफ़ अपने बेबुनियाद दोषों को जायज ठहराने के लिए लगातार बोल रहा है, की पहचान उसी पंजाब पुलिस की तरफ से की गई थी जिस पर संसद मैंबर पक्षपात के दोष लगा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बात यकीन करना ग़ैर तर्कसंगत है कि पुलिस फोर्स जो विरोधी पार्टियों के नेताओं को सुरक्षा मुहैया करवाती है, वह बिना किसी कारण के सत्ताधारी पार्टी के संसद मैंबर से सुरक्षा वापस ले ले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर भी अगर बाजवा निजी सुरक्षा को प्रतिष्ठता का सवाल बना रहा है जैसे कि लग रहा है, उसका अहंकार इस तथ्य से संतुष्ट होना चाहिए कि उसके पास 25 से अधिक सी.आई.एस.एफ. कर्मी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सत्य है कि 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि बाजवा को कोई जेड सुरक्षा की ज़रूरत नहीं क्योंकि उसे ‘कोई विशेष ख़तरा बताने वाला कोई इनपुट्ट नहीं है।’

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अगर गृह मंत्रालय को पिछले साल जुलाई महीने के बाद कोई इंटैलीजैंसी इनपुट्ट मिल गया था तो उन्होंने यह बात राज्य सरकार के साथ सांझा न करने का फ़ैसला किया जिनके साथ उन्होंने बाजवा को सी.आई.एस.एफ. सुरक्षा बहाल करने संबंधी सलाह परामर्श नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदकिसमती से इस सभी मामले को अपने ही नज़रिए के साथ देख कर बाजवा ने एक बार फिर राजसी परिपच्ता की कमी दिखाई। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब पुलिस पर खतरे की संभावना का सियासीकरन करने के दोष लगा कर राज्य सभा मैंबर ने पुलिस बल का मनोबल गिराने की कोशिश की है जिसका बेहतर रिकार्ड है और जो पंजाब और यहाँ के लोगों की पिछले तीन सालों से अधिक समय से आतंकवाद, नशा आतंकवाद, माफिया और गैंगस्टरों से रक्षा कर रही है

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मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या बाजवा सच में विश्वास करता है और चाहता है कि लोग विश्वास करें कि जिस पुलिस फोर्स में मर्यादा, स्वतंत्रता और पेशेवार नैतिकता की कमी है उसने यह सब हासिल किया? कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अपने कथित शौर्य, दृढ़ता और हिम्मत जिस संबंधी वह बढ़-चढ़ कर बातें कर रहा है, जैसे गुणों की बजाय बाजवा अपनी ओछी और संकुचित राजनैतिक सोच से सम्पन्न कार्यवाहियों के द्वारा यह स्पष्ट तौर पर ख़ुद ज़ाहिर कर रहा है कि उसके राजनैतिक लाभ हैं। यह बहुत ही शर्मनाक है, ख़ास कर तब जब पंजाब कोरोना की महामारी से जूझ रहा है।

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