वेटिकन सिटी। दिवंगत पोप फ्रांसिस (Late Pope Francis) के जाने के बाद उनका पद खाली हो गया था जिसके बाद अब नए पोप चुन लिए गए है। यहां पर नए पोप के तौर पर रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट (Robert Francis Prevost) अब अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। यहां पर 2000 साल के इतिहास के बाद पहला मौका है जहां पर अमेरिका के कार्डिनल को इस पद के लिए चुना गया। बताते चलें कि, वेटिकन के सिस्टिन चैपल (Sistine Chapel) में एकत्रित कार्डिनल्स ने 69 वर्षीय कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट को 267वें पोप (Robert Francis Prevost elected 267th Pope) के रूप में चुना है। जिम्मेदारी संभालने के बाद रॉबर्ट प्रीवोस्ट ने पोप लियो XIV (Pope Leo XIV) अपना नाम रख लिया है। बताया जा रहा है कि, कैथोलिक चर्च का नेतृत्व करने वाले पहले अमेरिकी हैं।
पोप फ्रांसिस के माने जाते थे करीबी सहयोगी
आपको बताते चलें, नई जिम्मेदारी संभालने वाले पोप लियो 14 का नाता दिवंगत पोप फ्रांसिस के खास माने जाते है। जहां पर उनकी विचारधारा पोप फ्रांसिस की तरह है। प्रमाण यह है कि, एक बार पोप फ्रांसिस ने तलाकशुदा और दोबारा शादी करने वाली महिलाओं को त्योहार मनाने की इजाजत दी थी जिसका समर्थन नए पोप लियो ने किया था।
कब हुआ था नए पोप रॉबर्ट (Robert Francis Prevost) का जन्म?
आपको बताते चलें, नए पोप रॉबर्ट (Robert Francis Prevost) की बात करें तो, इसका जन्म 14 सितंबर, 1955 को डॉल्टन, इलिनॉय में हुआ था। जहां पर 1982 में उनका अभिषेक हुआ और इसके बाद उन्होंने रोम स्थित पोन्शिफिकल कॉलेज ऑफ सेंट थॉमस एक्विनास से कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वहीं पर बताया जाता है कि, ऑगस्टिनियन धर्मसंघ के सदस्य हैं, और मिशनरी भावना से भरपूर होकर पेरू में दो दशक से अधिक समय तक सेवा में लगे रहे। साथ ही उन्होंने पेरू में समय बिताते हुए 2015 से 2023 तक चिकलायो के बिशप के रूप में कार्य किया।
‘डिकास्टरी फॉर बिशप्स’ की मिल चुकी है उपाधि
बताते चलें कि, दो साल पहले ही उन्हें दिवंगत पोप फ्रांसिस (Late Pope Francis) ने “डिकास्टरी फॉर बिशप्स” नाम की वेटिकन के शक्तिशाली विभाग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया रहै। यह वह शक्तिशाली पद है जो दुनिया भर के बिशपों की नियुक्तियों की निगरानी करता है. उनकी विनम्र नेतृत्व शैली और संगठनात्मक क्षमता के कारण वे चर्च प्रशासन के प्रमुख चेहरों में शामिल हो गए। इसके बाद इस साल 2025 में इन्हें कार्डिनल-बिशप के रूप में पदोन्नत किया गया। पोप फ्रांसिस के बाद रॉबर्ट प्रीवोस्ट लंबे समय से एक मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनका अमेरिकी होना आड़े आ रहा था। चर्च ने वैश्विक शक्ति को देखते हिुए अमेरिकी पोप से दूरी बनाते रहे है।