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12th के बाद आर्ट्स स्टूडेंट्स इन कोर्सेज को बनाएं करियर ऑप्शन, मिलेगी मोटी सैलरी

Career

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हमारी सोसायटी में आर्ट्स (Arts) सब्जेक्ट को लेकर कुछ आम निगेटिव धारणाएं हैं. पहला कि जो पढ़ने में तेज नहीं है, वही आर्ट्स लेता है. दूसरा कि आर्ट्स सब्जेक्ट में करियर ऑप्शन खत्म हो रहे हैं. बहुत सारे स्टूडेंट लोगों से यही सुनकर निराश हो जाते हैं. इनमें से कई ऐसे स्टूडेंट होते हैं, जो बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन छोटी-मोटी जॉब में लग जाते हैं और आगे नहीं पढ़ पाते हैं. वे सोचते हैं कि Arts ले ली तो फ्यूचर अच्छा नहीं है. सच्चाई यह है कि करियर (Career ) को लेकर सबसे ज्यादा मौके और इनकम आर्ट्स के फील्ड्स में ही है.

सिविल सर्विस टॉपर रहीं सोशल मीडिया में एक्टिव और आजकल राजस्थान में कलेक्टर टीना डाबी को तो आप जानते ही होंगे. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि जब मैने आर्ट्स लेने का फैसला किया तो कई रिलेटिव और जानने वालों ने कहा कि शायद यह पढ़ने में अच्छी नहीं है. इसलिए आर्ट्स लिया है. लेकिन मेरी दिलचस्पी आर्ट्स में थी और इसी वजह से आईएएस टॉपर बन पाई. हमारे आसपास ऐसी अनेक सफल कहानियां बिखरी पड़ी हैं, पर हम देख नहीं पाते और निराश हो जाते हैं.

आज यहां हम चर्चा करेंगे उन कोर्सेज के बारे में जहां आपके लिए करियर (Career ) ऑप्शन हो सकते हैं और अगर किन्हीं कारणों से अगर आप अपनी आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं, तो जॉब के कौन-कौन से ऑप्शन मौजूद हैं.

12वीं के बाद आर्ट्स स्टूडेंट के लिए करियर (Career ) ऑप्शन

बीए

होटल मैनेजमेंट

जर्नलिज्म, मास कम्यूनिकेशन

बीए-एलएलबी

इवेंट मैनेजमेंट

टीचर ट्रेनिंग कोर्स

ग्राफिक्स डिजाइनर

फैशन डिजाइनर

प्रोफेशनल आर्ट्स – थिएटर, डांस, सिंगिंग, कॉमेडी

गवर्नमेंट जॉब

बीए यानी बैचलर ऑफ आर्ट्स

दो तरह के बीए कर सकते हैं. इसमें पहला है बीए प्रोग्राम और दूसरा है ऑनर्स. दोनों ही थ्री ईयर कोर्स हैं. बेहतर होगा कि ऑनर्स लें. इससे आगे करियर बेहतर रहता है. सवाल है कि सब्जेक्ट क्या लिए जा सकते हैं. बीए किसी रीजनल लैंग्वेज जैसे हिन्दी, इंग्लिश, पंजाबी, फ्रेंच, जर्मन, या दूसरा सब्जेक्ट जैसे पॉलटिकल साइंस, फिलॉसफी, मैथेमैटिक्स, पब्लिक एडमेनिस्ट्रेशन, सोसियोलॉजी, लाइब्रेरी साइंस, हिस्ट्री में कर सकते हैं. जैसा हमने पहले बताया है, सभी का ड्यूरेशन थ्री ईयर का है.

अब बात रेगुलर और ओपन कोर्स की. यह कॉमन कोर्स है और देश भर के सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं. अगर आपको कोर्स रेगुलर नहीं करना है तो ज्यादतर यूनिवर्सिटी से ओपन कोर्स कर सकते हैं. मतलब पत्राचार से. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी यानी इग्नू से ग्रेजुएशन की डिग्री ले सकते हैं. लगभग सभी राज्यों में ओपन यूनिवर्सिटीज हैं. वहां से भी ये कोर्स किए जा सकते हैं.

अब सवाल है कि ओपन से बेहतर रेगुलर क्यों है? ऐसे में आपके लिए जानना जरूरी है कि दोनों की डिग्री की वैल्यू सेम है. अगर आपको लगता है कि पढ़ाई के साथ में जॉब करना है और रेगुलर कॉलेज नहीं कर सकते हैं तो ओपन कोर्स आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. अगर आपको लगता है कि आपके पास कॉलेज जाने का टाइम है तो आपको रेगुलर कोर्स करना चाहिए.

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मेरी राय में बेहतर तो होगा कि आपको रेगुलर कोर्स करना चाहिए. क्योंकि कॉलेज में आपको हर टाइप के स्टूडेंट मिलते हैं. स्कूल के बाद यहां एक अलग तरह का माहौल देखने और महसूस करने को मिलता है. सीखने को बहुत कुछ मिलता है. हर स्टेट से स्टूडेंट्स आते हैं. गरीब, अमीर सब मिलेंगे. तो सोसायटी को आप बेहतर तरीके से समझ सकेंगे. वैसे तो दोनों ही कोर्स अपनी जगह बेटर हैं. यहां स्टूडेंट पर डिपेंड करता है कि वह क्या करना चाहता है.

होटल मैनेजमेंट

सबसे खास बात है कि कोरोनाकाल को अपवाद मान लें तो यहां प्रायः मंदी यानी रेसेशन देखने को नहीं मिला है. मतलब जब मंदी में ज्यादातर सेक्टर से नौकरी जाती है, तब भी होटल मैनेजमेंट करने वाले की नौकरी खतरे में नहीं होती है. अगर आप इंस्टीहट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट यानी आईएचएम से होटल मैनेजमेंट का कोर्स करेंगे तो बेहतरीन जॉब मिलेगी.

होटल मैनेजमेंट के भी बहुत सारे कोर्स होते हैं. एक बात और अपने दिमाग से निकाल दीजिए कि इस कोर्स का मतलब सिर्फ कुकिंग सीखना है. ऐसा इसलिए बता रहा हूं, क्योंकि ज्यादातर स्टूडेंट इस कोर्स को ऐसा ही समझते हैं. होटल मैनेजमेंट में बहुत सारे फील्ड्स हैं. फूड प्रोडक्टश, ट्रैवल मैनेजमेंट, फॉरेन लैंग्वेज, हाउस कीपिंग, मार्केटिंग आदि. यह कोर्स आप प्राइवेट और गवर्नमेंट कॉलेज से कर सकते हैं.

जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन

इस कोर्स की डिमांड बढ़ रही है, क्योंकि मीडिया का लगातार विस्तार हो रहा है. प्रिंट और टीवी मीडिया तो पहले से है ही, अब ऑनलाइन और सोशल मीडिया में अवसर लगातार बढ़ रहे हैं. इसके कई तरह के कोर्स होते हैं. इनमें डिग्री और डिप्लोमा कोर्स हैं. डिग्री कोर्स बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन यानी बीए-जेएमसी तीन साल का होता है. जबकि डिप्लोमा कोर्स एक साल और सर्टिफिकेट छह महीने का हो सकता है.

जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन फील्ड बड़ी है. इसमें एडिटिंग, रिपोर्टिंग, एंकरिंग, रेडियो जर्नलिज्म, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, इवेंट, एडवर्टइजिंग आदि कोर्स है. आप इस इसके बारे में विस्तार से जानेंगे तो कई संभावनाएं दिखेंगी. यह कोर्स आप सरकारी और प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटीज से कर सकते हैं.

हर राज्य की यूनिवर्सिटी इसका कोर्स चलाती है. लेकिन बेहतर होगा कि अच्छे कॉलेजों से ये कोर्स करें. यहां भी सवाल होगा कि जर्नलिज्म का कोर्स ओपन या पत्राचार से भी कर सकते हैं? तो इसका जवाब होगा, हां. लेकिन बेहतर होगा कि आप कॉलेज जाकर सीखें. क्योंकि यहां सिर्फ पढ़ना नहीं है, बल्कि सीखना है. मतलब रिपोर्टिंग सीखनी है, एंकरिंग सीखनी है.

बीए-एलएलबी

बीए-एलएलबी कोर्स फाइव ईयर ड्यूरेशन का होता है. इस कोर्स के बाद आप वकील तो बनते ही हैं. इसके अलावा कॉपोरेट यानी कंपनियों में अच्छा करियर बना सकते हैं. ज्यूडिशियल सर्विसेज के दरवाजे भी यहीं से खुलते हैं. अब कंपनियों को लीगल एक्सपर्ट की भी जरूरत है. एलएलबी के बाद आप मनचाहे विषय से एलएलएम करके अपने फील्ड में खास मुकाम हासिल कर सकते हैं क्योंकि अब जमाना स्पेशलाइजेशन का है.

कार्पोरेट्स अब बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को अपने यहां रख रहे हैं, जो कानूनी जानकार हो. आप अपना करियर सिर्फ वकील बनकर बेहतर कर सकते हैं. जैसे कंसल्टेंट लॉयर, प्रॉपर्टी लॉयर, बैंकिंग लॉयर, फैमिली लॉयर, क्रिमनल लॉयर, इनकम टैक्सर लॉयर आदि. कोर्स की बात करें तो नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेस्ट है, वैसे हर राज्य और ज्यादातर निजी यूनिवर्सिटी में भी बीए-एलएलबी कोर्स उपलब्ध है.

इवेंट मैनेजमेंट

इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स करके आप प्लाननिंग, मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग, आदि में करियर बना सकते हैं. लेकिन इसमें काफी मेहनत होती है, क्योंकि यह पब्लिक रिलेशनशिप से जुड़ा काम होता है. बीए में इवेंट मैनेजमेंट को आप ऑनर्स कोर्स में रख सकते हैं. आगे इसी में एमबीए कर सकते हैं.

ग्राफिक्स डिजाइनर

अगर बात करें ग्राफिक्स डिजाइनर की, तो इसमें भी डिग्री कोर्स और डिप्लोमा कोर्स होते हैं. बैचलर डिग्री कोर्स तीन साल का होता है और थ्री टू फोर ईयर का होता है और डिप्लोमा एक से दो साल का होता है. इस कोर्स के नाम से ही आप समझ सकते हैं कि इसमें डिजाइन की बात हो रही है. इसमें एनिमेशन भी शामिल है. सामान्य शब्दों में कहें तो किसी प्रोडक्ट का लोगो डिजाइन करने और तमाम तरह के ग्राफिक्स डिजाइन इसमें आते हैं. अब तो फिल्मों में भी बड़ी संख्या में एनिमेटर्स की जरूरत पड़ती है. इस क्षेत्र में ज्यादातर प्राइवेट कॉलेज हैं.

फैशन डिजाइनर

आप फैशन डिजाइन कोर्स कर सकते हैं. इस वक्त यह बेहतरीन करियर ऑप्शन के रूप में उभर रहा है. इसमें आप डिग्री और डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. इसका सबसे बड़ा इंस्टीट्यूट आईआईएफटी है. इसमें एंट्रेंस एग्जाम से एडमिशन होते हैं.

प्रोफेशनल आर्ट्स

अब बात प्रोफेशनल आर्ट्स की, हर स्टूइडेंट या व्यक्ति में खुद की हॉबी होती है. आप इसे करियर में कनवर्ट कर सकते हैं. इसमें डांसिंग, सिंगिंग, म्यूजिक शामिल है. इसके कोर्स के लिए बहुत सारे निजी और सरकारी संस्थान अपने देश में उपलब्ध हैं.

सरकारी नौकरी

अंत में सरकारी नौकरी की बात करते हैं. 12वीं के बाद आपके लिए सरकारी नौकरी में ग्रुप सी और डी के लिए विकल्प हैं. एसएससी यानी स्टाफ सेलेक्शन कमीशन 10+2 कर चुके युवाओं के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट के विभागों में भर्ती करता है. इस एग्जााम को एसएससी सीएचएसएल कहते हैं. इसके साथ-साथ स्टेट गवर्नमेंट और पीएसयू में आप टाइपिस्ट, स्टेनोग्राफर बन सकते हैं.

प्राइवेट सेक्टर में बीपीओ ज्वाइन कर सकते हैं. पर यहां इंग्लिश का ज्ञान आपको ताकत देगा. अगर अंग्रेजी ने नहीं आती तो बीपीओ में दिक्कत हो सकती है. अगर अंग्रेजी अच्छी है तो सेल्स एवं मार्केटिंग में भी अपार संभावनाएं हैं. निराश होने की जरूरत नहीं है. किसी के कहने में नहीं आना है. आप अपने मन की सुनें. खुद पर भरोसा करें. खुली आंखों से उपलब्ध मौकों का लाभ लें.

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