उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 की 94 प्रतिशत रिकवरी दर पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के सम्बन्ध में थोड़ी लापरवाही भी भारी हो सकती है। इसलिए संक्रमण पर नियंत्रण व उपचार की प्रभावी व्यवस्था को जारी रखते हुए प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी बरती जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की टेस्टिंग का कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रतिदिन किए जाने वाले टेस्ट में से एक तिहाई आरटीपीसीआर के माध्यम से तथा दो तिहाई टेस्ट रैपिड एन्टीजन विधि से किए जाएं।
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उन्होंने कहा कि मेरठ में विशेष सतर्कता बरतते हुए संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं और लखनऊ में कोविड-19 की रिकवरी दर को बेहतर करने के लिए उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पताल में यदि कोई संक्रमित मरीज हृदय, किडनी आदि किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित हो, तो इस रोग के भी समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
श्री योगी ने निर्देश दिए कि सभी जिलो में प्रतिदिन जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सुबह कोविड अस्पताल में तथा शाम को इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में बैठक आहूत कर कार्यों की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा है कि कोविड अस्पताल में आयोजित होने वाली बैठक में उक्त चिकित्सालय के इंचार्ज चिकित्सा अधिकारी भी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें। कोविड चिकित्सालय में बैठक करने से उपचार की स्थिति की जानकारी मिलेगी। इसी प्रकार इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में बैठक करने से जनपद के सभी कोविड चिकित्सालयों के कार्यों की जानकारी प्राप्त होगी। इससे यह भी पता चलेगा कि सर्विलांस सिस्टम की सक्रियता का स्तर क्या है। उन्होंने कहा कि यह समस्त प्रयास कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में मददगार सिद्ध होंगे।
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उन्होंने कहा कि पराली को न जलाने के सम्बन्ध में किसानों को निरन्तर जागरूक किया जाए। कृषि, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज एवं नगर विकास विभाग द्वारा सम्मिलित प्रयास किए जाने से इस सम्बन्ध में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पराली को गो-आश्रय स्थलों पर उपलब्ध कराया जाए। इससे गो-आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंश के लिए चारे की व्यवस्था करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने धान क्रय केन्द्रों व मण्डी में किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
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उन्होंनेे कहा कि मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में विविध कार्य किए जा सकते हैं। इसके तहत जल संचयन के लिए तालाब खोदे जाएं तथा चेक डैम तैयार किए जाएं। उन्होंने पंचायत भवन तथा सामुदायिक शौचालय के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग मुख्य सचिव आर के तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार,सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।