लखनऊ। बंथरा इलाके में गुरुवार रात कारपेंटर अमरेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना अंजाम देने के बाद हत्यारों ने उसके ही फोन से गोली मारने की सूचना बंथरा पुलिस को दी। बाद में उसका मोबाइल स्विच ऑफ कर वहीं छोड़ दिया और फरार हो गए।
सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने गांव के पास कई चक्कर काटने के बाद इसे अफवाह समझकर वापस लौट गई। शुक्रवार सुबह परिजनों से सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने खून से लथपथ पड़े युवक को ट्रामा सेन्टर पहुंचाया, लेकिन वहां पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं इस मामले में पुलिस गांव के ही करीब आधा दर्जन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
बंथरा के माती गांव निवासी स्व. रामआसरे का बेटा अमरेश (21) कारपेंटर का काम करता था। परिजनों के मुताबिक गुरुवार रात करीब 8 बजे अमरेश घर पहुंचा और उसके घर पहुंचते ही उसके फोन पर एक कॉल आई। इसके बाद अमरेश घर से बाहर चला गया। देर रात तक जब वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसके फोन पर कॉल की, लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ मिला।
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शुक्रवार सुबह गांव के लोग टहलने निकले तो प्राथमिक विद्यालय के पीछे एक खाली प्लाट में एक युवक को खून से लथपथ पड़ा देख उनके होश उड़ गए। घायल पड़े युवक के पास शराब की खाली बोतल, पानी के गिलास और दालमोठ-बिस्कुट के खाली रैपर व पानी की बोतल पड़ी हुई थी। उससे कुछ ही दूरी पर 1 जोड़ी चप्पल, 20 रुपए और युवक का मोबाइल स्विच ऑफ हालत में पड़ा था। युवक की दाहिनी कनपटी में गोली मारने का निशान बना था और उससे खून का रिसाव होने के साथ ही वहां पर काफी खून फैला पड़ा था। साथ ही वहां पर आग जलने के बाद उपलों की राख भी पड़ी थी। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि घटना अंजाम देने वालों ने उसको जलाने की भी कोशिश की है।
ग्रामीणों ने युवक की पहचान अमरेश के रूप में करने के बाद इसकी सूचना उसके परिजनों को दी। कुछ देर में ही ग्रामीणों की काफी भीड़ एकत्र हो गई।
जानकारी होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे युवक के परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की सूचना दी। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने घटनास्थल की जांच पड़ताल करने के साथ ही खून से लथपथ पड़े युवक को आनन फानन में ट्रामा सेंटर भेज दिया, लेकिन वहां पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं पुलिस ने घटनास्थल के पास पड़ी सभी वस्तुओं को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है। मृतक के परिजनों की माने तो पुलिस ने उन्हें बताया कि रात में ही अमरेश के मोबाइल से उसे गोली मारने की सूचना मिली थी। जिस पर उसी समय पुलिस गांव पहुंची, लेकिन ऐसा कोई मामला नहीं पता चला। जिसके बाद पुलिस वापस लौट गई। फिलहाल मृतक के परिजनों ने इस घटना में गांव के ही कुछ लोगों पर आरोप लगाया है। पुलिस गांव के ही करीब आधा दर्जन युवकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है और जल्द ही हत्यारों को गिर तार कर घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
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क्राइम ब्रांच टीम की फायरिंग में तो नहीं लगी गोली
बताते हैं कि गुरुवार रात क्राइम ब्रांच की टीम ने माती गांव में अपराधियों को पकडऩे के लिए कुछ बदमाशों को दौड़ाया था। उस समय उसने बदमाशों पर फायरिंग भी की थी। ग्रामीणों में संदेह है कि क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा चलाई गई गोली से ही अमरेश घायल हो गया। उसे घायलावस्था में देख क्राइम ब्रांच की टीम वहां से भाग निकली। ग्रामीणों में चर्चा है कि क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा मारी गई गोली से ही उसकी मौत हुई है। लेकिन बंथरा पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी है। ग्रामीणों ने बताया कि रात में गांव के करीब एक दर्जन युवक घटनास्थल के पास आग जलाकर ताप रहे थे, तभी पुलिस ने वहां पर दबिश दी। जिससे सभी युवक इधर-उधर भागने लगे। उस दौरान पुलिस ने वहां पर फायरिंग भी की थी। लेकिन बाद में पुलिस वहां से वापस चली गई। उधर सूत्रों का कहना है कि बुधवार रात पीजीआई इलाके में दवा कारोबारी सौरभ कपूर के साथ हुई लूट के मामले में संदिग्ध अपराधियों की धरपकड़ के लिए क्राइम ब्रांच की टीम माती गांव गई थी। तभी उसने एक जगह एकत्र युवकों को दौड़ाकर फायरिंग की।
असलहा सटाकर किया गया फायर
क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा बदमाशों को दौड़ाकर फायरिंग करने की ग्रामीणों में फैली चर्चा भी पुलिस कार्यशैली पर सवालिया निशान उठा रही है। क्योंकि इसमें सोचने वाली बात यह है कि अगर किसी हत्यारे ने घटना अंजाम दी है तो उसने मृतक के ही मोबाइल से गोली मारने की सूचना बंथरा पुलिस को क्यों दी। इसके अलावा अगर क्राइम ब्रांच की टीम ने अपराधियों को पकडऩे के लिए दौड़ा कर फायरिंग की तो उसकी गोली मृतक की कनपटी पर ही क्यों लगी। उसके शरीर के अन्य हिस्सों में गोली क्यों नहीं लगी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हत्यारों ने घटना अंजाम दी होती तो उसके ही मोबाइल से पुलिस को इसकी सूचना ना देते और अगर क्राइम ब्रांच ने अपराधी समझकर फायरिंग की तो यह महज फायरिंग नहीं, बल्कि जानबूझकर मृतक की कनपटी में असलहा सटाने के बाद गोली मारकर उसकी हत्या की गई है।
पुलिस ने भाई से कराये सादे कागज पर हस्ताक्षर
मृतक अमरेश का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के समय मृतक के भाई से सादे कागज पर पुलिस द्वारा हस्ताक्षर कराना भी पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठा रहा। क्योंकि मृतक के भाई सनी ने भरी भीड़ में लोगों को बताया कि पुलिस ने अमरेश का शव ले जाते वक्त उससे सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया। पुलिस ने उससे सादे कागज पर हस्ताक्षर क्यों कराए, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है।