उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में जल निगम के सक्षम अधिकारियों द्वारा जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम के अंतर्गत कानपुर पुनर्गठन पेयजल योजना फेस-1 (इनर ओल्ड एरिया) परियोजना में मानक के अनुरुप निर्धारित की गई पी०एस०सी० पाइप के स्थान पर जी०आर०पी० पाइप का प्रयोग किया गया। इस मामले में करीब 50 करोड़ का घोटाला करते हुए भ्रष्टाचार किया गया। प्रकरण की जांच के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर जल निगम के परियोजना प्रबंधक ने थाना फजलगंज में दो दर्जन अधिकारियों पर मुकदमा कराया है।
परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई उत्तर प्रदेश जल निगम के परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई शमीम अख्तर द्वारा दी गई तहरीर में बताया गया कि उक्त पाइप गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थी। उपरोक्त संबंध में टी०ए०सी० जांच दल की जांच आख्या के आधार पर जल निगम के संबंधित अधिकारियों द्वारा सरकारी धन का गबन एवं वित्तीय/तकनीकी अनियमितता स्पष्ट रूप से दिखती है। इस प्रकरण के संबंध में जलनिगम के दो दर्जन अधिकारियों पर मुकदमा 409/420/120B आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
करोड़ों के घोटाले में शामिल इन लोगों पर दर्ज किया गया मुकदमा
जल निगम के तहत कानपुर जनपद में गहरी पाइप लाइन डाली गई। इस कार्य में तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके अवस्थी, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रामसेवक शुक्ला, मुख्य अभियंता सूरज लाल, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता वाई के जैन, तत्कालीन मुख्य अभियंता सैयद रहमतुल्लाह, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता, कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता राकेश चौधरी, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक पीसी शुक्ला, तत्कालीन परियोजना अभियंता निर्माण दीपक कुमार, तत्कालीन परियोजना अभियंता डीएन नौटियाल, तत्कालीन परियोजना अभियंता एस एस तिवारी, तत्कालीन परियोजना अभियंता लक्ष्मण प्रसाद, विकास गुप्ता, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता एम एस खान, अमीरुल हसन, पीके शर्मा, मयंक मिश्रा, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता दिनेश चंद्र शर्मा, तत्कालीन परियोजना अभियंता बैराज लालजीत, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता आरके वर्मा, सतवंत सिंह, विपुल आमरे, सुरेंद्र कुमार को मुकदमे में नामजद किया गया है।
एक साथ दो दर्जन लोगों पर मुकदमे से मचा हड़कम्प
गहरी पाइप लाइन डालने की परियोजना में जमकर अफसरों व कर्मियों ने भ्रष्टाचार कर सरकार को करोड़ों की चपत लगाई। काम में किए गए भ्रष्टाचार की कलई अब कई जगहों पर लाइन के फटने व लीकेज के रूप में सामने आ रहे हैं। इस भ्रष्टाचार पर अब दो दर्जन अफसरों व कर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एक साथ दो दर्जन अफसरों व कर्मियों पर मुकदमा दर्ज होने से जल निगम में अधिकारी व विभागीय कर्मी सकते में आ गए हैं। अब घोटाले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।