नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ‘नौकरी के लिए नकदी’ घोटाले (Cash For Job Scam) से संबंधित धन शोधन मामले (Money Laundering Case) में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को एक फरवरी को रिहा किया जाएगा, बशर्ते निचली अदालत आरोप तय करे और गवाहों से पूछताछ करे। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) रिहा होने के बाद कोई सार्वजनिक पद नहीं संभालेंगे, लेकिन विधायक बने रह सकते हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को एक फरवरी 2025 को रिहा किया जाएगा, बशर्ते कि निचली अदालत शीतकालीन अवकाश से पहले आरोप तय करे और जनवरी 2025 के दूसरे और तीसरे सप्ताह तक गवाहों से पूछताछ कर ली जाए। पीठ ने कहा कि किसी संदिग्ध को अनिश्चितकाल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता, इसलिए उसे आरोपी और पीड़ितों के अधिकारों में संतुलन बनाना होगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार दिसंबर को पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में आप भ्रष्ट व्यक्ति प्रतीत होते हैं। आपके परिसरों से करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर में पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की ओर से 30 अप्रैल के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया था। फैसले में इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया गया था कि उनके खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
आरबीआई को मिली बम से उड़ाने की धमकी, जांच में जुटी मुंबई पुलिस
पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रायोजित और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने कथित अवैध भर्तियों में धन के लेन-देन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया कि उसने अर्पिता के कई फ्लैट से 49.80 करोड़ रुपये नकद, आभूषण, सोने की छड़ें, संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्ति और एक कंपनी के दस्तावेज बरामद किए हैं।