लखनऊ। केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीबीआई ने प्रो. पाठक के खिलाफ रंगदारी, कमीशनखोरी व अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज किया है। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रो. पाठक के खिलाफ प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच हो रही है। इसके साथ ही एजेंसी ने प्रो. पाठक का केस टेकओवर कर लिया है।
प्रो. पाठक व उनके करीबी एक्सएलआईसीटी कंपनी के एमडी अजय मिश्रा के खिलाफ इंदिरानगर थाने में 29 अक्तूबर को रंगदारी, कमीशनखोरी व अवैध वसूली का केस दर्ज हुआ था। डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि, आगरा में परीक्षा कराने वाली कंपनी डिजीटेक्स टेक्नालॉजिज इंडिया प्रा. लि. के एमडी डेविड मारियो डेनिस ने अजय मिश्रा के जरिए प्रो. पाठक पर कमीशन लेने समेत अन्य आरोप लगाए हैं।
विनय पाठक की बढ़ी मुश्किलें, CBI जांच को मिली मंजूरी
डेविड का कहना है कि 2019-20 और 2020-21 में उसकी कंपनी ने आगरा विवि की प्री व पोस्ट परीक्षा संचालित करायी। इसके बिल का भुगतान लंबित चल रहा था। आरोप है कि इसके भुगतान के लिए प्रो. पाठक ने कमीशन की मांग की। फिर अजय मिश्र के जरिए तीन बार में एक करोड़ 41 लाख लिए। आगे भी काम के लिए कमीशन मांगे पर पैसे न देने पर अजय मिश्र की कंपनी को आगरा विवि का काम दे दिया गया।
कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।