बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने हाथरस मामले में मौजूदा जिलाधिकारी के रहते सीबीआई जांच प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की है।
सुश्री मायावती ने रविवार को कहा कि हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर पीड़िता के परिजनो काे डराने धमकाने का आरोप है। इसके बावजूद सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में लोगों के मन में आशंका है कि डीएम के रहते सीबीआई जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं की जा सकती।
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1. हाथरस जघन्य गैंगरेप काण्ड को लेकर पूरे देश में ज़बरदस्त आक्रोश है। इसकी शुरूआती आई जाँच रिपोर्ट से जनता सन्तुष्ट नहीं लगती है। अतः इस मामले की CBI से या फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच होनी चाहिये, बी.एस.पी. की यह माँग। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2020
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उन्होने ट्वीट किया “ हाथरस गैंगरेप काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक। हालाँकि सरकार सीबीआई जाँच के लिये राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहाँ रहते इस मामले की निष्पक्ष जाँच कैसे होे सकती है। लोग आशंकित है। ”
हाथरस गैंगरेप काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक। हालाँकि सरकार CBI जाँच हेतु राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहाँ रहते इस मामले की निष्पक्ष जाँच कैसे होे सकती है? लोग आशंकित।
— Mayawati (@Mayawati) October 4, 2020
गौरतलब है कि हाथरस में हैवानियत की शिकार पीडिता की मौत के बाद मचे सियासी बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मामले में जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। हालांकि पीड़िता का परिवार सरकार के ऐलान से संतुष्ट नहीं है। उसका कहना है कि मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से होता तो अच्छा रहता।
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पीड़िता का परिवार डीएम प्रवीण कुमार पर धमकी और बदसलूकी के आरोप लगा चुका है। उन्होंने डीएम प्रवीण कुमार को पद से हटाने की मांग भी की है।