2013 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक रहे बीके यादव के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सीबीआई को शुरुआती जांच में ही यादव के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे, जिसके बाद प्राथमिक दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि बीके यादव पर 2013 से 2017 के बीच यूपी में चीनी मिलों के कर्मचारियों की नियुक्ति ,प्रमोशन और ट्रांसफर में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। कुछ ऐसे मामले भी पाए गए जहां पर रिटायर होने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी भुगतान में भी उनसे घूस ली गई थी।
सूबे में योगी सरकार आने के बाद लखनऊ के मंडलायुक्त की देखरेख में एक जांच समिति बनाई गई थी। इस जांच समिति ने बीके यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना था। इसके बाद यूपी सरकार ने 10 नवंबर 2017 को बीके यादव के खिलाफ आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक, हेलीकाप्टर लैंडिग के दौरान हेलीपैड पर पहुंची गाय
जबकि इसी साल 1 अप्रैल 2021 को केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश को मंजूरी दे दी थी,जिसके बाद सीबीआई ने नई दिल्ली में प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है।
बता दें कि बीके यादव जिस समय उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक कीजिम्मेदारी निभा रहे थे उस समय सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे।