कानपुर। जलकल विभाग के जीएम नीरज गौड़ के आवास पर गुरुवार की रात सीबीआई ने छापा (Raid) मारा। बंद कमरे में उनसे पूछताछ की गई। जिले के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक पूरा मामला एनएचएआई से जुड़ा हुआ है। बेनाझाबर स्थित जलकल के पीछे ही जलकल (जल संस्थान) के जीएम का बंगला है।
गुरुवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम स्वरूप नगर थाने पहुंची। यहां से पुलिस के साथ रात 11 बजे जल संस्थान के महाप्रबंधक के आवास पर पहुंची। पुलिस ने बंगले को चारों तरफ से घेर लिया।
सीबीआई सीधे बंगले के भीतर गई और नीरज गौड़ को परिवार के सभी सदस्यों से अलग एक कमरे में ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी। टीम ने बंगले पर रखे कई दस्तावेज भी खंगाले। मोबाइल अलग रखवा दिया था ताकि किसी से संपर्क न हो सके। कई दस्तावेज और कागजात भी सीबीआई ने जब्त किए हैं। 3 घंटे तक पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम वापस लौट गई।
एक उच्चाधिकारी ने बताया कि लगभग 10 साल पहले नीरज गौड़ एनएचएआई में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे। इनके पास गया से लेकर वाराणसी तक का कार्यभार था। उसी दौरान के किसी मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक करीब 10 साल पहले नीरज गौड़ की एनएचएआई के प्रोजेक्ट विंग में वाराणसी डिवीजन में तैनाती थी। जीएम पर करीब 30 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। इस संबंध में ही सीबीआई ने देर रात जीएम के घर पर छापा मारा।
कानपुर जलकल जीएम के तौर पर नीरज गौड़ की तैनाती वर्ष-2020 में हुई थी। नीरज गौड़ कानपुर से पहले लखनऊ जलकल में बतौर जीएम पोस्टेड थे। सूत्रों के मुताबिक 4 लेन हाईवे निर्माण में 200 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया गया था। इसमें कई अधिकारियों पर भी गाज गिर चुकी है।
इस मामले में जलकल जीएम का भी शामिल होना बताया जा रहा है। सीबीआई की टीम ने कानपुर से पहले उनके लखनऊ स्थित आवास पर छापेमारी की थी। जहां से उनके बेटे से पूछताछ के बाद कानपुर स्थित आवास के बारे में पता चला था।