मुंबई। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी ₹17,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में मोर्चा संभाल लिया है। शनिवार सुबह सीबीआई की टीम ने अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी शुरू की।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के 7 से 8 अधिकारी सुबह करीब 7 बजे कफ परेड स्थित सीविंड अपार्टमेंट पहुंचे। इसके बाद से उनके घर पर लगातार तलाशी ली जा रही है। इस दौरान अनिल अंबानी और उनका परिवार घर पर मौजूद है।
सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि तलाशी में मुख्य रूप से यस बैंक और अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनियों के बीच हुए लेन-देन से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। साथ ही बैंक लोन से जुड़े अन्य कागजात भी जब्त किए जा रहे हैं।
ईडी की पहले की कार्रवाई
इससे पहले ईडी ने भी अनिल अंबानी (Anil Ambani) को पूछताछ के लिए बुलाया था। जुलाई में ईडी ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 व्यावसायिक संस्थाओं और 25 व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई मुंबई में करीब 35 जगहों पर की गई थी।
ईडी की जांच में कई अनियमितताएं मिली थीं, जिनमें बिना वेरिफाइड सोर्स वाली कंपनियों को लोन जारी करना, लोन लेने वाली संस्थाओं में एक ही डायरेक्टर और पत्ते का होना, लोन फाइलों में आवश्यक दस्तावेजों का नहीं होना, शेल कंपनियों के नाम पर लोन की मंजूरी और कर्ज को चुकाने के लिए नया लोन लेना आदि थे।
सीबीआई की एफआईआर और जांच
छापेमारी से पहले सीबीआई ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। आरोप है कि वित्त वर्ष 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनियों को अवैध रूप से लोन दिया था।
ईडी सूत्रों का दावा है कि इन लोन को मंजूरी देने से ठीक पहले यस बैंक के प्रमोटर्स को निजी व्यवसाय में भारी लाभ हुआ। इसी आधार पर जांच एजेंसियां अब रिश्वतखोरी और वित्तीय लेन-देन के कथित कनेक्शन की पड़ताल कर रही हैं।