मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही सीबीआई टीम ने अब एक्शन लेना शुरू कर दिया है। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीबीआई ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के दो निजी स्टाफ को समन जारी किया है और बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है। बता दें कि बीते दिनों ही सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अनिल देशमुख को हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए प्रारंभिक जांच (PE) का मामला दर्ज किया और मंगलवार को मुंबई पहुंची टीम ने सभी संबंधित दस्तावेज एकत्र किए और बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में प्राथमिक जांच शुरू कर दी। सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा कि सीबीआई ने 5 अप्रैल, 2021 के बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में प्राथमिक जांच दर्ज की है।
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इधर, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सीबीआई जांच रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, मगर वहां से उन्हें झटका ही मिला। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा मुंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मामला गंभीर है, इसलिए निष्पष्क्ष जांच होना जरूरी है। हाईकोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार के उच्च अधिकारी मामले में शामिल हैं, इसलिए मामला गंभीर हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल ने अनिल देशमुख की मांग को खारिज करते हुए कहा कि आपके ऊपर आरोप किसी दुश्मन ने नहीं लगाया है। अदालत ने कहा कि आपके ऊपर आरोप एक ऐसे शख्स ने लगाया है, जो आपका ‘राइटहैंड’ था। इसके साथ ही अदालत ने अनिल देशमुख के साथ ही मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ भी जांच किए जाने की जरूरत बताई।
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गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के वसूली संबंधी आरोपों पर हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह जानकारी साझा की थी कि देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। देशमुख ने भी इस्तीफे की एक प्रति ट्वीट कर बताया था कि अधिवक्ता जयश्री पाटिल की याचिका पर हाई कोर्ट ने आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। उन्होंने लेटर में लिखा था, ”अदालत के आदेश के बाद मेरे पास पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। मैंने पद छोड़ने का निर्णय किया है। कृपया मुझे मेरे पद से कार्यमुक्त करें।”
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पद से हटाए जाने के बाद सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे एक लेटर में दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी हर महीने बार और होटलों से कम से कम 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। उन्होंने यह भी कहा था कि वाझे को देशमुख का संरक्षण मिला हुआ था।