नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गृह मंत्रालय ने सीबीआई को फीडबैक यूनिट के जरिए जासूसी कराने के आरोपों पर मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने और जांच करने के आदेश दे दिए हैं। सीबीआई ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ पर जासूसी का आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।
भाजपा ने सिसोदिया पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ के जरिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विपक्षी दलों, विभिन्न संस्थाओं और लोगों की जासूसी कराई। आम आदमी पार्टी (AAP) ने साल 2015 में दिल्ली में सरकार बनाने के बाद इस यूनिट का गठन किया था। विजिलेंस विभाग के मंत्री होने के नाते सिसोदिया पर ये आरोप लगाए गए हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना केंद्र सरकार से इस मामले की जांच CBI से कराने की अनुशंसा कर चुके हैं। इसके बाद CBI ने मुकदमा दर्ज करने की अनमुति केंद्र सरकार से मांगी थी। गृह मंत्रालय की ओर से 17 फरवरी की तारीख से जारी चिट्ठी में सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी गई है।
क्या है मामला?
दरअसल, दिल्ली सरकार ने 2015 में फीड बैक यूनिट (FBU) का गठन किया था। तब इसमें 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया था। आरोप है कि FBU ने फरवरी 2016 से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की।
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यूनिट ने न सिर्फ बीजेपी के बल्कि AAP से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी। इतना ही नहीं यूनिट के लिए LG से भी कोई अनुमति नहीं ली गई। आरोप है कि यूनिट ने तय कामों अलावा राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की।