उच्चतम न्यायालय ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक नम्बी नारायणन पर 1994 में लगे जासूसी के आरोप और उसके बाद हुई उनकी प्रताड़ना के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जाँच के आदेश दिए हैं।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने न्यायमूर्ति डी. के. जैन समिति की रिपोर्ट स्वीकार की और सीबीआई को आगे इस मामले की जाँच करने को कहा।
श्री नारायणन को फर्जी जासूरी कांड में फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देते हुए खंडपीठ ने तीन के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी जांच एजेंसी को निर्देश दिया।
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न्यायालय ने न्यायमूर्ति जैन कमेटी की रिपोर्ट को प्रारम्भिक जांच मानते हुए आगे की जांच का आदेश दिया है।
खंडपीठ ने सीबीआई को रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का भी निर्देश दिया है।
इस मामले में मालदीव की दो महिलाओं और भारत के दो वैज्ञानिकों पर गुप्त दस्तावेजों को विदेश भेजे जाने का आरोप लगा था।