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सीबीएसई ने 9वीं से 12वीं तक स्किल विषय पढ़ने की दी सुविधा

सीबीएसई छात्र

सीबीएसई छात्र

नई दिल्ली| केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 9वीं से 12वीं तक स्किल विषय पढ़ने की सुविधा दी है। लेकिन राजधानी समेत बिहार के ज्यादातर स्कूलों में स्किल विषय की पढ़ाई नहीं होती है। दसवीं रिजल्ट के बाद राजधानी के कई स्कूलों में स्किल विषय लेने की इच्छा भी छात्रों ने जाहिर की है लेकिन स्कूल ने मना कर दिया। कई स्कूल में तो छात्रों ने पढ़ाई शुरू करने की मांग भी की है।

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कई वर्षों से सीबीएसई 9वीं से 12वीं तक स्किल विषय चला रहा है। पहले यह वोकेशनल कोर्स के नाम से चलता था। पिछले दो वर्षों से यह स्किल विषय में रूप में चल रहा है। 2019 में बोर्ड ने 10वीं बोर्ड में स्किल विषय से मुख्य विषय को बदलने की सुविधा दी। यानी जिस छात्र ने अतिरिक्त विषय के तौर पर स्किल विषय रखा है और वह अपने मुख्य तीन विषय में से किसी एक में फेल हो जाता है तो वह उसे स्किल विषय से बदला जा सकता है और वह परीक्षा में पास जाएगा। सीबीएसई की मानें तो 10वीं में यह सुविधा देने से रिजल्ट पर सकारात्मक असर हुआ। जिन स्कूलों में छात्रों ने स्किल विषय लिया था और वे मुख्य एक विषय में फेल होने के बाद भी पास हो गये, क्योंकि उनके कम अंक वाले विषय से स्किल विषय के अंक को बदल दिया गया।

बोर्ड की मानें तो इससे रिजल्ट में दस फीसदी सुधार हुआ। इतना ही नहीं ये छात्र अब कंपार्टमेंटल परीक्षा देने से बच गये। मेडिकल, इंजीनियरिंग के अलावा छात्रों की अन्य क्षेत्र में रुचि हो, इसके लिए स्कूल स्तर पर स्किल विषय की पढ़ाई शुरू की गयी है। बोर्ड ने स्कूलों को कम से कम तीन स्किल विषय शुरू करने का निर्देश दिया था। बोर्ड इसके लिए स्कूलों से आवेदन भी मांगता है। स्कूल इसके लिए कोई पहल नहीं करता है। 10वीं और 12वीं मिलाकर तीन सौ के लगभग स्किल विषय की पढ़ाई होती है।

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2021 बोर्ड से होगा लागू

सीबीएसई की मानें तो अब 12वीं में भी मुख्य तीन विषय में से अगर छात्र किसी एक विषय में फेल हो जाते हैं तो वो अपने स्किल विषय से उसे बदल सकते हैं। 2020 के बोर्ड परीक्षा में यह सुविधा केवल 10वीं के छात्रों को दी गयी थी लेकिन 2021 के बोर्ड परीक्षा से 12वीं के छात्रों को भी यह सुविधा मिलेगी।

संयम भारद्वाज (परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई) ने कहा, कई बच्चों में कुछ अलग करने की रुचि होती है। ऐसे में अगर उन्हें स्किल विषय पढ़ने का मौका मिले तो वे अच्छा कर पायेंगे। इसलिए यह सुविधा दी गयी है। मुख्य विषय से स्किल विषय को बदलने की सुविधा से इस बार रिजल्ट बेहतर हुआ है।

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