लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विभाजन के कयासों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि यूपी के अलग-अलग हिस्से नहीं होंगे। योगी ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि हम एकजुटता में भरोसा रखते हैं, विभाजन में नहीं।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से यूपी को अलग-अलग राज्यों में विभाजित करने की मांग उठती रही है। साल 2000 में यूपी का बंटवारा कर उत्तराखंड राज्य बनाया गया था। इसके बाद भी यूपी के कुछ और हिस्से करने की मांग होती रही हैं।
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मायावती सरकार ने पारित किया था प्रस्ताव
बसपा सुप्रीमो मायावती और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2012 में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव पास किया था। मायावती सरकार ने यह प्रस्ताव पारित कर दिया था कि उत्तर प्रदेश का चार राज्यों- अवध प्रदेश, बुंदेलखण्ड, पूर्वांचल और पश्चिम प्रदेश में बंटवारा होना चाहिए। हालांकि तब केंद्र की यूपीए सरकार में गृह सचिव रहे आरके सिंह ने स्पष्टीकरण मांगते हुए इस प्रस्ताव को वापस भेज दिया था। रालोद अध्यक्ष अजित सिंह भी यूपी के अलग हिस्से करने की मांग करते रहे हैं।