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मोहर्रम पर आई सरकार की गाइडलाइन, इस बार नहीं निकलेगी ताजिया

मोहर्रम Moharram

मोहर्रम

लखनऊ। पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इसका असर सभी तीज और त्योहारों पर भी पड़ रहा है। शिया समाज द्वारा मनाए जाने वाले मोहर्रम का महीना भी कोरोना की भेंट चढ़ गया है।

केंद्र सरकार की तरफ से सख्त इशारों में किसी भी त्योहार में भीड़ जमा करने पर पाबंदी लगा दी गई है। यही वजह है कि इस बार मोहर्रम पर ताजिया और जुलूस निकालने जाने पर रोक लगी है।

देशभर में कोरोना वायरस गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल जुलूस निकालने पर सरकार की तरफ से पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही घरों से अशरे के दिन निकलने वाले ताजिये पर भी रोक रहेगी। पहली मोहर्रम से होने वाली शहर की बड़ी मजलिसें भी कोविड गाइडलाइस पर ही होगी कोई भीड़ इखट्टा नहीं हो सकेगी। इन्ही तमाम गाइडलाइन के जारी होने से पहले लखनऊ में इमाम ए जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात की थी।

गाइडलाइन में संशोधन करने की गुजारिश

मौलाना यासूब अब्बास भी रक्षा मंत्री से मिलने दिल्ली गए थे। मौलाना यासूब अबब्बस ने कहा कि मोहर्रम हमारे लिए कोई पर्व नहीं है वो तो गम का मौका होता है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी गाइडलाइन में संशोधन करने चाहिए। भले ही बड़े जुलूस की इजाज़त न मिले लेकिन ताजिए उठाने की अनुमति मिलनी चाहिए।

इसरो का नहीं किया जा रहा है कोई प्राइवेटाइजेशन : के. सिवन

वहीं मौलाना की बात का जवाब देते हुए सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि कोरोना को देखते हुए जो सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है। उसका सभी को पालन करना चाहिए। किसी धर्म विशेष को लेकर किसी को नहीं कहा गया है. जन्माष्टमी, गणपति, मोहर्रम सब पर पाबंदी है। धर्मगुरु लोगों से अपील करें कि साम्प्रदयिक सौहार्द बना रहें।

बता दें को चांद दिखने के बाद पहली मोहर्रम को लखनऊ के बड़े इमामबाड़े से शाही मोम की जरी का जुलूस निकाला जाता है। मोहर्रम के महीने में लखनऊ में अशूरा व चेहलुम का जुलूस समेत 7 बड़े जुलूस निकाले जाते हैं। इसमें हजारों की संख्या में अजादार शामिल होते हैं। इसके अलावा पहली मोहर्रम से नौ मोहर्रम तक शहर के बड़े इमामबाड़ों में मजलिसों का आयोजन किया जाता है। साथ ही दस मोहर्रम को अजादार अपने घरों में रखें हुए ताजियों को कर्बला ले जाकर दफन करते हैं।

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