प्रयागराज| प्रदेश सरकार की ओर से हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 के लिए केंद्र निर्धारण नीति जारी कर दी गई है। इस बार केंद्र निर्धारण प्रक्रिया में परिवर्तन कर दिया गया है। बोर्ड परीक्षा के लिए बालिका विद्यालयों को पहले सेंटर बनाया जाएगा। बालिका विद्यालयों को राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों पर वरीयता दी गई है।
इसके बाद जरूरत के हिसाब से सेंटर बनाए जाएंगे। जबकि पिछले साल राजकीय, सहायता प्राप्त तथा वित्तविहीन कॉलेज के आधार पर सेंटर का निर्धारण किया जाता था। उसमें बालिका कॉलेज की प्राथमिकता नहीं होती थी। इस बार परीक्षा केंद्रों पर सुविधा संबंधी जांच डीआईओएस नहीं बल्कि जिलाधिकारी या उनकी ओर से बनाई गई कमेटी करेगी।
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शासन की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाने में सबसे अंत में रखा जाए। शासन की ओर से कहा गया है कि परीक्षा केंद्र निर्धारित होने वाले बालिका विद्यालय में मान्यता प्राप्त विद्यालयों के बालक परीक्षार्थियों का केंद्र न बनाया जाए। जिन विद्यालयों की धारण क्षमता एक पाली में 150 से कम होगी, उन्हें परीक्षा केंद्र न बनाया जाए। इस बार शासन ने केंद्र तय करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से जिलाधिकारी के हवाले कर दी है। जिलाधिकारी की ओर से तय केंद्रों की सूची को जिला विद्यालय निरीक्षक यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर परीक्षा केंद्रों का निर्धारण साफ्टवेयर ऑनलाइन करेगा। विद्यालयों की ओर से उनके बारे में उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर अंक देने के साथ राजयकी, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन विद्यालयों की अलग-अलग मेरिट तैयार की जाएगी। पिछले वर्ष परीक्षा केंद्र होने पर 20 अंक, 2020 का हाईस्कूल की रिजल्ट 90 फीसदी से अधिक होने पर 20 अंक और इंटरमीडिएट का रिजल्ट 90 फीसदी से अधिक होने पर 20 अंक अर्थात कुल मिलाकर 60 अंक मिल जाएंगे। ऐसे में इन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनना लगभग तय है।