व्यापार डेस्क. टैक्स संबधी मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ की शुरुआत की थी जिसके लाभकारी परिणाम देखने को मिल रहें है. सूत्रों के मुताबिक़ मोदी सरकार ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना के अंतर्गत अब तक 72,480 करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया है.
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17 नवंबर तक इस योजना के तहत 31,734 करोड़ रुपये की विवादित कर मांग से संबंधित कुल 45,855 घोषणाएं की गईं. इसी तरह योजना के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से भी कुल एक लाख करोड़ रुपये के विवादों का निपटान किया गया.
तीसरी बार बढ़ी थी डेडलाइन
सरकार ने पिछले महीने विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समयसीमा को तीसरी बार बढ़ाया है. पहले इसके बार में खुलाासा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 थी, जिसे बढ़ाकर 30 जून 2020 और फिर 31 दिसंबर 2020 किया गया. यही नहीं भुगतान करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दी गयी है.
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस योजना के तहत विवादित कर मांग पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों तथा अन्य करदाताओं ने 72,480 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है. आयकर विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में करदाताओं को इस योजना के बारे में जानकारी देने के लिए ई-अभियान शुरू करने का फैसला किया गया था.
इस साल मार्च में हुई थी शुरुआत
इस योजना के तहत करदाताओं को विवादित कर, विवादित ब्याज और विवादित जुर्माने या शुल्क का निपटान करने के लिए 100 प्रतिशत विवादित कर और 25 प्रतिशत विवादित जुर्माना, ब्याज या शुल्क अदा करना पड़ता है.
प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून, 2020 को 17 मार्च, 2020 को लागू किया गया था. इसका उद्देश्य विभिन्न अपीलीय मंचों में लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों का निपटान करना है.