यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि कानूनों का राजनीतिक दलों द्वारा विरोध करने को माहौल खराब करने की एक कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक दलों के दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस कानून का विरोध कर रही है वही कानून यूपीए सरकार लेकर आई थी और आज इसका विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले छह वर्षों में किसानों की भलाई के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को पत्र लिखा था अब वही इसका विरोध कर रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा है।
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यही नहीं यूपीए सरकार और उसके सहयोगी दल भले ही किसानों को अपना हथियार बनाते रहें। लेकिन उनके बारे में महत्वपूर्ण कदम उठाने में सभी संकोच करते थे। अब इनको लागू किया गया है। सभी पार्टियों ने एपीएमसी एक्ट में लागू करने की बकालत की थी जिसके तहत वन नेशन वन मंडी परिकल्पना को साकार किया जा सके। अब यही लोग किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं।
बता दें कि यूपी में विपक्षी दल किसानों के मुद्दे पर सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी किसान यात्रा में शामिल होने के लिए कन्नौज जाने वाले थे लेकिन उन्हें लखनऊ में ही गिरफ्तार कर लिया गया है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों बिल किसानों को बर्बाद कर देंगे। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात की थी पर अब उनकी जमीन छीन रही है।