नई दिल्ली| राज्यों के बकाया जीएसटी कंपंसेशन के मामले में केंद्र सरकार मंत्रियों के समूह यानि जीओएम के गठन का प्रस्ताव रख सकता है। कोरोना संकट के मौजूदा हालात के चलते केंद्र सरकार फिलहाल और उधारी लेने के मूड में नहीं है। ऐसे में जीओएम के जरिए राज्यों के साथ रायशुमारी कर राज्यों को हो रहे जीएसटी घाटे की भरपाई के नए विकल्प तलाशे जा सकते हैं।
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जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में कंपंसेशन के मामले पर तमाम विकल्प तलाशने को लेकर चर्चा हुई थी। इस दौरान अटॉर्नी जनरल की तरफ से भी बताया गया कि आर्थिक मंदी जैसे हालात में केंद्र की तरफ से घाटे की भरपाई का कोई प्रावधन नहीं है।
27 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठक सिर्फ इन्हीं मुद्दों पर चर्चा होनी है। जानकारी के मुताबिक बैठक में इस मसले का हल निकालने के लिए एक जीओएम बनाने का ऐलान किया जा सकता है।
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जीएसटी काउंसिल को ये जीओएम सलाह मश्विरा करके बताएगा कि किस मद के तहत राज्यों को हो रहे जीएसटी कलेक्शन के नुकसान की भरपाई के इंतजाम किए जाएं। राज्य सरकारों की दलील है कि उन्हें मिलने वाला कर्ज केंद्र सरकार को मिलने वाले कर्ज की तुलना में महंगा है। ऐसे में केंद्र सरकार खुद कर्ज लेकर उनको हो रहे घाटे की भरपाई करे।