दुबई| इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के नए चेयरमैन ग्रेग बारक्ले के लिए ‘बिग थ्री’ की धारणा का कोई अस्तित्व नहीं है, जिनका मानना है कि द्विपक्षीय सीरीज और आईसीसी टूर्नामेंट एक साथ चल सकते हैं, जिससे इस खेल को मदद मिलेगी। ‘बिग थ्री धारणा के तहत भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को वैश्विक संस्था के राजस्व का अधिकांश हिस्सा मिलना था। चुनाव से पहले न्यूजीलैंड के बारक्ले ने कहा था कि यह धारण पैदा की गई थी वह हर अन्य चीज पर द्विपक्षीय क्रिकेट को अहमियत देंगे लेकिन यह वास्तविकता से कोसों दूर है।
बारक्ले ने कहा, ‘मीडिया में इसे लेकर (कि मैं विश्व प्रतियोगिताओं की तुलना में द्विपक्षीय क्रिकेट के पक्ष में हूं) गलत धारणा बनाई गई। लेकिन सच यह है कि बेशक मैं द्विपक्षीय क्रिकेट का पक्षधर हूं, यह क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों की लाइफलाइन है।’ उन्होंने कहा, ‘देशों को नियमित रूप से एक दूसरे के खिलाफ खेलना, व्यावहारिक प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट्स फैन्स को खेल से जोड़ती हैं। यह विकास का रास्ता साफ करती है, यह क्रिकेट का अहम हिस्सा है।’ बीसीसीआई का समर्थन हासिल करने वाले न्यूजीलैंड के इस प्रशासक ने कहा कि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वर्ल्ड टूर्नामेंट्स उतने अहम नहीं हैं।
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उन्होंने कहा, ‘आईसीसी वर्ल्ड क्लास टूर्नामेंट्स का आयोजन करता है। पिछले साल महिला टी20 वर्ल्ड कप, आईसीसी वर्ल्ड कप के दौरान जो हुआ उसे देखें तो ये शानदार टूर्नामेंट्स थे।’ बारक्ले ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि ये टॉप टूर्नामेंट्स हैं। मेरे यह कहने की जरूरत है कि इनके (द्विपक्षीय सीरीज और वर्ल्ड टूर्नामेंट्स) एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, इनमें से एक की दूसरे के लिए अनदेखी नहीं हो सकती।’ बारक्ले ने हालांकि काफी अधिक क्रिकेट के प्रति भी चेताया।
उन्होंने कहा, ‘आपके पास आईपीएल और बिग बैश जैसी लीग भी है। आपको खिलाड़ियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पैसे को भी देखना होगा जो सबसे ऊपर है। हम उनसे उम्मीद नहीं कर सकते कि वे पूरे साल लगातार खेलते रहें।’ बारक्ले ने कहा, ‘हमें फैन्स के साथ इसे लेकर संतुलन बनाना होगा। आखिर में यह तभी काम करता है जब फैन्स ऐसा चाहते हैं।’ खेल के ताकतवर देशों भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बारे में बारक्ले ने कहा कि वह ‘बिग थ्री’ की धारणा में विश्वास नहीं रखते।