Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

चेयरमैन दीपक पारेख ने बताया- ग्रामीण भारत के बूते पटरी पर लौट रही है अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था

मुंबई। आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने भरोसा जताया कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था जल्द उबर जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत उम्मीद से जल्दी सुधर जाएगी। कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि जुलाई तक लॉकडाउन हट जाता है तथा सितंबर तक स्थिति सामान्य होने लगती है, तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी। यदि स्थिति इससे खराब रहती है, तो अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। प्रत्येक एक महीने के लॉकडाउन से जीडीपी में एक प्रतिशत की कमी आएगी।

सरकार ने रंगीन टेलीविजन सेट के आयात पर लगा दिया प्रतिबंध

पारेख ने एचडीएफसी शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनसे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था राह पर लौट रही है। बेरोजगार की दर मई के उच्चस्तर से नीचे आई है, ई-टोल संग्रह बढ़ा है, साथ ही ई-वे बिल, डिजिटल लेनदेन भी बढ़ा है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह एक बार फिर से 90,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। पारेख ने लोगों को सलाह दी कि वह अर्थव्यवस्था की नकारात्मक वृद्धि के अनुमान से परेशान नहीं हों।

निश्चित रूप से अर्थव्यस्था की स्थिति अब सुधरेगी, क्योंकि भविष्य में बड़ा या पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगने जा रहा।  उन्होंने लॉकडाउन की वजह से घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम संस्कृति के वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़े असर को नजरअंदाज करते हुए कहा कि कई बड़ी कंपनियां इस अवसर का लाभ उठा रही हैं और वे ऐसे समय वाणिज्यिक संपत्तियां खरीद रही हैं जबकि कीमतें निचले स्तर पर हैं।

अपनी इस उम्मीद की वजह बताते हुए पारेख ने कहा कि यह धारणा सही नहीं है कि वर्क फ्रॉम होम से वाणिज्यिक रीयल एस्टेट की मांग खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वास्तव में कई बड़ी कंपनियों ने इस दौरान वाणिज्यिक संपत्तियां खरीदी हैं या पट्टे पर ली हैं। विशेषरूप से बेंगलुरु और हैदराबाद में ऐसा देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ नए क्षेत्रों मसलन भंडारगृह, ई-कॉमर्स कंपनियों, क्लाउड और डाटा केंद्रों से वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग आ रही है। आवास क्षेत्र का जिक्र करते हुए पारेख ने कहा कि आवास ऋण की मांग अच्छी बनी हुई है। इसकी वजह ब्याज दर में कमी, वित्तीय प्रोत्साहन और रियल एस्टेट कीमतों में कमी है। नए घर खरीदारों के लिए यह स्थिति अच्छी है।

कोविड- 19 के दौर में रिलायंस इंडस्ट्रीज को पहली तिमाही में उम्मीद से ज्यादा मुनाफा

इस वजह से गांवों से उम्मीद

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से सिर्फ तीन बार 1958, 1966 और 1980 में हम मंदी के घेरे में आए हैं। प्रत्येक बार इसका कारण खराब मानसून से कृषि क्षेत्र का प्रभावित होना रहा। उन्होंने कहा, आज हमारा चमकदार पहलू ग्रामीण अर्थव्यवस्था है। बेहतर मानसून, कृषि क्षेत्र की मजबूत वृद्धि तथा ग्रामीण रोजगार गारंटी के जरिये सरकार की ओर से मिल रहे समर्थन से ग्रामीण उपभोग बढ़ रहा है जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिति में कुल मिलाकर सुधार होगा।

Exit mobile version