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शुभ योगों में शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना

Sharadiya Navratri

Sharadiya Navratri

इस साल चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) मार्च माह में ही है. हालांकि चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में मां दुर्गा का आगमन नौका पर होगा. कलश स्थापना के समय में लाभ-उन्नति मुहूर्त रहेगा. इस समय में घटस्थापना आपके लिए लाभदायक और उन्नतिकारक सिद्ध हो सकता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बनने वाले शुभ योगों, लाभ-उन्नति मुहूर्त और घटस्थापना समय के बारे में.

चैत्र नवरात्रि 2023 (Chaitra Navratri) का प्रारंभ

पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च, मंगलवार को रात 10:52 बजे से लेकर 22 मार्च, बुधवार को रात 08:20 बजे तक है. उदयातिथि अनुसार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से प्रारंभ हो रही है और उस दिन चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन होगा. पूरे दिन पंचक है.

शुक्ल योग में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत

इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है. 22 मार्च को शुक्ल योग प्रात:काल से लेकर सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक है. उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ होगा. य​ह योग 23 मार्च को सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक है. फिर इंद्र योग प्रारंभ हो जाएगा. इस तरह से देखा जाए तो चैत्र नवरात्रि के प्रथम तिथि पर 3 शुभ योग शुक्ल, ब्रह्म और इंद्र बन रहे हैं.

उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ

चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र है. यह 22 मार्च को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक है. इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं और इसके राशि स्वामी गुरु हैं. दोनों में शत्रु भाव होता है. हालांकि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र को ज्ञान, खुशी और सौभाग्य का संकेत माना जाता है.

लाभ-उन्नति मुहूर्त में कलश स्थापना

चैत्र नवरात्रि की कलश ​स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है. इस समय में लाभ-उन्नति मुहूर्त भी है. इस दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है.

चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) किस दिन किस देवी की पूजा

22 मार्च, पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा

23 मार्च, दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

24 मार्च, तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा

25 मार्च, चौथा दिन: मां कूष्माण्डा की पूजा

26 मार्च, पांचवा दिन: देवी स्कंदमाता की पूजा

27 मार्च, छठा दिन: मां कात्यायनी की पूजा

28 मार्च, सातवां दिन: मां कालरात्रि की पूजा

29 मार्च, आठवां दिन: मां महागौरी की पूजा

30 मार्च, नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा

31 मार्च, दसवां दिन: मां अपराजिता की पूजा, पारण

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