चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का शुभारंभ हो जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से लेकर 30 मार्च दिन गुरुवार तक रहने वाले हैं। नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपसना का विशेष महत्व बताया गया है। आइए नवरात्रि शुरू होने से पहले आपको घटस्थापना का शुभ मुहर्त और इसके नियम बताते हैं।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) पर घटस्थापना का मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को होती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से लेकर 22 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। इसलिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यानी घटस्थापना के लिए आपको कुल 01 घंटा 09 मिनट की अवधि मिलेगी।
घटस्थापना के नियम
घटस्थापना या कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। सबसे पहले देवी मां की चौकी सजाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान चुनें। इस स्थान को साफ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें। एक लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें।
अब कलश स्थापना या घटस्थापना के लिए नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधें। कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें। अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें और फिर इस कलश को दुर्गा की प्रतिमा की दाईं ओर स्थापित करें।
नौका पर सवार होकर आ रहीं मैया रानी
इस साल चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) 22 मार्च 2023 से प्रारंभ हो रहे हैं और इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आ रही हैं। नाव जल परिवहन का साधन है। ज्योतिषियों की मानें तो मां दुर्गा जब नाव पर आती हैं तो यह अच्छी बारिश और अच्छी फसल का संकेत होता है। नौका वाहन के साथ मां दुर्गा का आगमन इस बात का संकेत होता है कि आदी शक्ति आपको मनोवांछित फल देने वाली है।
दिन से तय होती है माता की सवारी
नवरात्रि में माता रानी की सवारी दिन के आधार पर तय होती है। अगर सोमवार या रविवार के दिन से होता है तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है।
मनचाही दुल्हन पाने के लिए चैत्र नवरात्रि पर करें ये उपाय
नवरात्रि अगर शनिवार या मंगलवार से शुरू होती है तो माता रानी घोड़े में सवार होकर आती हैं। गुरुवार-शुक्रवार से नवरात्रि की शुरुआत होने पर मां का आगमन डोली में होता है। जबकि बुधवार से नवरात्रि में मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आती हैं।