साधना और आराधना का पवित्र पर्व चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) शुरू होने में कुछ दिन शेष हैं। इस बार नवरात्र 30 मार्च से शुरू हो रही है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसी दिन से भारतीय नववर्ष शुरू होता है। इसलिए चैत्र नवरात्रि को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) पर मां दुर्गा की पूजा और व्रत किए जाते हैं।
नवरात्रि आठ दिन की है
इस बार नवरात्रि आठ दिन की है। क्योंकि इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ रहे हैं। पंचमी तिथि के क्षय होने के कारण आठ दिनों की नवरात्र होगी। आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना भक्त करेंगे। दो अप्रैल दिन बुधवार को चौथी और पंचमी की पूजा होगी। सृष्टि का चक्र चलाने वाली आदिशक्ति मां शेरावाली इस वर्ष हाथी पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर ही बैठकर प्रस्थान करेंगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त-
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। 30 मार्च रविवार को कलश स्थापना प्रात:काल से मध्याह्न 2.25 तक। अभिजीत मुहूर्त (मध्याह्न) 11 बजकर 24 मिनट बजे से 12 बजकर 36 मिनट तक। श्रद्धालुओं को शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापन करनी चाहिए। यह शुभ फलदायक होगा।
नवरात्रि (Chaitra Navratri) पूजा से मिलते हैं ये फल-
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आती है। मानसिक सुकून मिलता है। यह पर्व शरीर और आत्मा की शुद्धि का पर्व है।
करें ये काम-
चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) में देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। छोटी कन्याओं को दान करें, उनका सम्मान करें। विधि-विधान के साथ दुर्गासप्तशती का पाठ भी किया जा सकता है।
6 अप्रैल को रामनवमी :
इस बार छह अप्रैल को चैत्र नवमी है। इस दिन रामनवमी पूजा होगी। हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।