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चाणक्य नीति- लाख कोशिश करने के बाद भी इस चीज से नहीं जीत सकता मनुष्य

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार समय पर आधारित है।

‘समय जिसका साथ देता देता है वो बड़ों बड़ों को मात देता है। अमीर के घर बैठा कौवा भी सबको मोर लगता और गरीब का भूखा बच्चा भी सबको चोर लगता है। इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं, चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।’ आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य की इन लाइनों का अर्थ है कि सबसे ज्यादा बलवान समय ही होता है। अगर समय किसी के साथ हो तो वो किसी को भी मात दे सकता है। यहां तक कि अमीर व्यक्ति के घर पर अगर कौवा भी बैठा हुआ तो वो भी उसे मोर ही दिखाई देता है। वहीं गरीब का बच्चा अगर भूखा हो और कुछ खा रहा तो उसे सामने वाला यही समझेगा कि वो खाने की चीज को चुरा कर खा रहा है। इसी तरह अगर किसी इंसान ने अच्छा काम किया हो तो लोग उसकी तारीफ करना पसंद नहीं करते लेकिन अगर कोई ऐसा काम किया तो जो ठीक न हो तो ऐसे लोग भी बुराई करेंगे जिसे वो व्यक्ति दूर दूर तक जानता नहीं हो।

कई बार मनुष्य कुछ ऐसे काम कर देता है कि उसकी अच्छाई चारो दिशाओं में फैलती है। कुछ लोग मनुष्य की अच्छाई सुनकर खुश होते हैं तो कुछ बुरा महसूस करते हैं। यहां तक कि वो उसकी अच्छाई में भी बुराई ढूंढने की कोशिश करते हैं। वहीं अगर उस व्यक्ति का कोई बुरा काम या कुछ बुराई नजर आ गई हो तो उसे जंगल में आग की तरह फैला देते है्ं।

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