हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को विशेष माना गया है। चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो कि पूर्णिमा तिथि पर होती है। धर्म शास्त्रों में चंद्र ग्रहण के नियम के बारे में भी बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान वर्जित कामों को करने से व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच सूर्य आ जाता है, तो चंद्र ग्रहण लगता है। आइए आपको बताते हैं कि साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा और यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं।
साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा?
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर लगेगा। हर साल फाल्गुन पूर्णिमा पर होली होली मनाई जाती है। इस बार 14 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा पड़ रही है।
इस शुभ तिथि पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी कारण इसका सूतक काल मान्य भी नहीं होगा। भारतीय समय के मुताबिक, पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9:29 मिनट से लेकर दोपहर 3:29 मिनट तक रहेगा।
साल का पहला चंद्र ग्रहण कहां दिखाई देगा?
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, दक्षिणी उत्तरी ध्रुव, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के कुछ हिस्से, अटलांटिक महासागर और यूरोप में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
चंद्र ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति को छूना वर्जित होता है। इसके अलावा, इस दौरान पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए। इस दौरान देवी-देवताओं के नाम का जाप करना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर राहु का प्रभाव बढ़ जाता जाता है। ऐसे में इस दौरान न तो खाना न बनाएं और न ही भोजन का सेवन न करें।
हालांकि, चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति और बच्चे को जरूरत पड़ने पर भोजन कर सकते हैं। ग्रहण के दौरान सोना वर्जित होता है।
इसके अलावा, ऐसी भी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों जैसे- कैंची, चाकू और सुई आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।