हरियाणा की प्रथम महिला सांसद, विधायक और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल चंद्रावती का शनिवार देर रात यहां पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया।
वह 92 वर्ष की थीं और काफी अर्से से बीमार थीं। चंद्रावती चरखी दादरी में रहतीं थीं तथा तबीयत खराब होने के बाद उन्हें रोहतक स्थित पीजीआई अस्पताल भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान देर रात उनका निधन हो गया।
श्रीमती चंद्रावती प्रदेश की पहली महिला कद्दावर नेता और ईमानदार छवि की नेता थीं। प्रदेश की राजनीति में उनका जाना माना नाम था। उन्होंने वर्ष 1977 में अपना भिवानी से पहला लोकसभा का चुनाव लड़ा था और निर्वाचित होकर प्रदेश की पहली महिला सांसद बनीं। इस चुनाव में उन्होंने 67.62 प्रतिशत मत हासिल कर रिकार्ड बनाया था जो आज तक कायम है। उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को पराजित किया था। वह वर्ष 1977 से 1979 तक जनता पार्टी की हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष भी रहीं।
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वह प्रदेश की पहली महिला विधायक भी रहीं। उन्होंने वर्ष 1954 में प्रदेश की राजनीति में कदम रखा और बाठड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा में पहुंचीं। वह वर्ष 1964-66 और वर्ष 1972-74 तक प्रदेश में मंत्री भी रहीं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में लोकसभा और विधानसभा के कुल 14 चुनाव लड़े जिनमें से वह छह बार विधायक और एक बार सांसद रहीं। वह वर्ष 1982-85 तक विपक्ष की नेता चुनी गईं थीं। फरवरी 1990 से दिसम्बर 1990 तक वह पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी रहीं।
वह पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय की प्रथम महिला अधिवक्ता भी थीं। चंद्रावती अपने क्षेत्र में स्नातक की डिग्री लेने वाली पहली महिला थीं। स्नातक की डिग्री उन्होंने पंजाब के संगरूर से तथा वकालत की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से की। उनका जन्म तीन सितम्बर 1928 को दादरी के डालावास गांव में हुआ था।