Chandrayaan-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 से 150 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है। इसरो के मुताबिक, Chandrayaan-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है और अब 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रच देगा और ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराने वाला भारत पहला देश हो सकता है।
ISRO ने जारी कीं विक्रम लैंडर से ली गईं पहली तस्वीरें
इसरो का Chandrayaan-3 मिशन अपने अंतिम चरण में है। इससे पहले विक्रम लैंडर ने चांद के दूरस्थ स्थल की कुछ तस्वीरें ली हैं। इन्हें इसरो की तरफ से सोमवार सुबह ट्विटर पर साझा किया गया है।
चांद पर इस समय लैंड होगा विक्रम लैंडर
इसरो का कहना है कि लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है। इससे पहले, इसरो ने कहा था कि मॉड्यूल 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। वहीं, लूना-25 को विक्रम के लैंडिंग से दो दिन पहले 21 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरना था।