पेइचिंग : चीन ने अंतरिक्ष की तरफ एक लम्बी छलांग लगाई है। उसने चांद से चट्टानें लानें के लिए रोबॉटिक स्पेसक्राफ्ट Chang’e 5 को अंतरिक्ष में भेजा है। चीन का इरादा अंतरिक्ष की रेस में अमरीका और रूस से आगे निकलने का है। चीन पहला ऐसा देश है जिसने 40 साल बाद कोई मिशन चांद पर लैंड कराया है। इससे पहले यह काम सोवियत लूना प्रोग्राम के तहत किया गया था। खासकर हाल के समय में अमेरिका के साथ बढ़ती स्पर्धा में वह उससे आगे निकलने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता है।
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चीन ने चांद की देवी के नाम पर मिशन का नाम Chang’e 5 रखा है। चीन का स्पेस प्रोग्राम तेजी से बेहतर हो रहा है लेकिन उसकी टक्कर अमेरिका के Artemis प्रोग्राम से है जो साल 2024 तक इंसानों को चांद पर पहुंचाना चाहता है। वहीं, यूरोपियन स्पेस एजेंसी भी लैंडर भेजने का प्लान बना रही है।
देश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिझियान ने बताया था कि लॉन्च देखकर लोगों ने अपनी सांसें थाम ली थीं। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से स्पेस को एक्सप्लोर करना इंसानों का आमहित है। चीन के मिशन का टार्गेट Mons Rumker है। यह 4,265 फुट ऊंचा ज्वालामुखी का मैदान है। यह Oceanus Procellarum के पास मौजूद है।
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लिझियान ने उम्मीद जताई थी कि यह मिशन चीन से अच्छे अनुभव लेकर लौटेगा। उन्होंने कहा था, ‘स्पेस में खोज के लिए इंसानों के पास असीम संभावनाएं हैं। यह आमहित का ऐसा काम है जिससे सभी का भला होगा।’ उन्होंने कहा कि चीन दूसरे देशों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करना चाहता है।