• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शिक्षा और जीवन में बदलाव निरंतर होते रहने चाहिए : प्रो. राजीव मनोहर

Desk by Desk
24/02/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, लखनऊ, शिक्षा
0
उर्दू विभाग में व्याख्यान Khwaja Moinuddin Chishti Language University

उर्दू विभाग में व्याख्यान

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं मातृभाषा सप्ताह के अंतर्गत ‘नई शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए रोड मैप’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ. किरण लता डंगवाल, प्रो. राजीव मनोहर और प्रो. अरविंद कुमार झा ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।

लखनऊ विश्वविद्यालय की डॉ. किरण लता ने शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला एवं उस संदर्भ में आई.सी.टी. यानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं अध्ययन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मूक्स पाठ्यक्रम, ई – पाठशाला, शोधगंगा जैसे प्लेटफार्म महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

भाजपा असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए राहुल पर कर रही है हमला : कांग्रेस

प्रो. राजीव मनोहर ने शिक्षा में निरंतर बदलाव के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि शिक्षा और जीवन में बदलाव निरंतर होते रहने चाहिए। उन्होंने शिक्षकों के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्व व शिक्षकों के कैरियर में इसके उपयोग पर प्रकाश डाला।

बीबीएयू के प्रो. अरविंद कुमार झा ने विश्वविद्यालय और उसके स्टेकहोल्डर्स को रेखांकित करते हुए शैक्षणिक एवं शोध विकास पर अपने व्याख्यान को केंद्रित रखा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में शोध एवं अध्ययन दोनों का सामंजस्य होना चाहिए क्योंकि कोई भी विश्वविद्यालय अपने शिक्षण और शोध की वजह से ही जाना जाता है।

इस संदर्भ में उन्होंने कंटेंट और सिलेबस में बदलाव करने का विशेषकर जिक्र करते हुए कहा कि पॉलिसी तैयार करना और उसको वास्तविक स्तर पर जमीन पर उतारना दो अलग बातें हैं, शिक्षकों को इस दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। कार्यक्रम का संयोजन प्रो. एस एस ए अशरफी एवं प्रो. चंदना डे ने किया। संचालन डॉ. नीरज शुक्ल व डॉ. सौबान सईद ने संयुक्त रूप से किया। डॉ. प्रियंका इस कार्यक्रम की सह-समन्वयक रहीं।

Tags: E-SchoolMocks courses in higher educationShodhgangaई - पाठशालाउच्च शिक्षा के क्षेत्र में मूक्स पाठ्यक्रमख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विविशोधगंगा
Previous Post

यूपी विधानसभा में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2021 ध्वनिमत से पारित

Next Post

राजस्थान में नहीं लगाया कोई नया कर, 2022 से अलग कृषि बजट

Desk

Desk

Related Posts

Makeup
Main Slider

मेकअप से बनाए नाक को शार्प, फॉलो करें ये टिप्स

26/06/2025
Vanilla Oreo Ice Cream
Main Slider

आज बच्चों के लिए बनाएं वनीला ओरियो आइस्क्रीम

26/06/2025
CM Yogi
Main Slider

सीएम योगी ने कहा- संविधान हत्या दिवस पर सपा एवं आरजेडी का नहीं आया कोई बयान

25/06/2025
CM Vishnu Dev Sai
Main Slider

बस्तर की बदलेगी पहचान… अगली मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक यहीं होगी आयोजित

25/06/2025
Farmer
उत्तर प्रदेश

62 जिलों में आधुनिक कृषि यंत्रों से रफ्तार भरेंगे यूपी के किसान

25/06/2025
Next Post
राजस्थान में नहीं लगाया कोई नया कर

राजस्थान में नहीं लगाया कोई नया कर, 2022 से अलग कृषि बजट

यह भी पढ़ें

Nitish Cabinet

नीतीश कुमार ने की राज्यपाल से मुलाकात, पूर्व सीएम मांझी बोले- खेला होबे

23/01/2024
Food

भोजन से जुड़ी ये घटनाएं देती हैं शुभ-अशुभ संकेत, जानें इनके बारे में

28/05/2025

चीन को भारत की दो टूक- LAC पर सहमति वाले सभी प्रोटोकॉल का करें पालन

15/07/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version