विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) का पर्व पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। विनायक चतुर्थी पर बप्पा का व्रत और पूजन करने की परंपरा है। इस व्रत को करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विनायक चतुर्थी का त्योहार पौष माह में 14 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा।
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) की पूजा के दौरान भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से गणपति बप्पा का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। आइए, जानते हैं कि विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन कौन से मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।
भगवान गणेश के मंत्र
1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2.ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति करो दूर क्लेश ।।
3.त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
4. ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
5. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
6. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
7. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गण्पत्ये वर वरदे नमः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात”
8. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
9. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
10. गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।